पुणे, 31 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
हाथ का टेढ़ापन, जले हुए हाथ, जन्मजात विकृति, छोटे बच्चों के हाथ में समस्या, हाथ का लकवा, चिपकी हुई उंगलियां जैसे कारणों से जीवन में शारीरिक और सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसी शारीरिक विकृति को दूर करने और दर्द मुक्त जीवन बनाने में हैंड सर्जरी वरदान साबित हो रही है. विश्व प्रसिद्ध हैंड सर्जन डॉ. पंकज जिंदल ने यह राय व्यक्त की. हैंड सर्जरी इंडिया और इंडियन ऑर्थो पेडिक एसोसिएशन के सहयोग से भंडारकर इंस्टीट्यूट में ‘हैंड सर्जरी’ पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद् में डॉ. जिंदल बोल रहे थे. इस परिषद् में महाराष्ट्र के अलावा असम जम्मू-कश्मीर समेत देशभर से हैंड सर्जरी डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस सचित्र प्रस्तुतियों के साथ 80 से अधिक विषयों पर चर्चा की गई. डॉ. जिंदल ने परिषद् का महत्व बताते हुए मामले की गंभीरता बताई. पहले दिन के सत्र में हाथ की चोटों और उनके प्रबंधन पर चर्चा की गई. मरीज को दर्द मुक्त जीवन देने के उपाय एवं आधुनिक उपचार के बारे में उन्होंने बताया. इस परिषद् का मुख्य उद्देश्य उभरते सर्जनों को हाथ की सर्जरी के क्षेत्र में उपचार के तरीकों के बारे में शिक्षित करना था, ताकि रोगियों को सभी प्रकार की पीड़ाओं से राहत मिल सके. परिषद् में हाथ की चोटों, विकृति, हाथ की सुन्नता, पक्षाघात, जलन और जलन का प्रबंधन, हाथ की सर्जरी, फ्रैक्चर, दुर्घटना के कारण विकृति, अंगूठे का पुनर्वास, हाथ की सिकुड़न (कठोरता) की मरम्मत और कटे हुए अंगूठे का पुनर्निर्माण आदि के बारे में जानकारी मिली.