पिंपरी, 31 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मनपा के पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से शहर में मृत पशुओं को उठाने और जलाकर या दफनाकर ठिकाने लगाने का काम पुणे की ‘दिल्लीवाला एंड संस’ नामक एजेंसी के जरिए किया जाता है. पता चला कि एजेंसी ने उस काम की रसीदों में हेराफेरी की और कुल 1 लाख 22 हजार का गबन किया. मनपा की ओर से बताया गया कि एजेंसी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा. मृत जानवरों को आबादी वाले क्षेत्र से दूर खुले स्थानों में दफनाया जाता है. एमआईडीसी, भोसरी में गवलीमाथा वेटब्रिज के पास, जे ब्लॉक में दफन किया जाता था. इस बीच, जिस स्थान पर जानवरों को दफनाया जाता था, उसे एमआईडीसी को सौंप दिया गया. इसके बाद पुणे मनपा की अनुमति से पुणे शहर के नायडू पांड में बड़े जानवरों को जलाना शुरू कर दिया गया. वहां बड़े मृत जानवरों के दहन के लिए प्रत्येक के लिए 3,000 रुपये शुल्क देना पड़ता था.
उस राशि का भुगतान दिल्लीवाला एंड संस के माध्यम से किया जाता था. दाह संस्कार के शुल्क की रसीदें पशु चिकित्सा विभाग में जमा की जा रही थीं. इस संबंध में एड्. मनीष कांबले ने मनपा के पास शिकायत की थी. तदनुसार, जब दहन शुल्क की रसीदों की जांच की गई और पुणे मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह पाया गया कि एजेंसी ने रसीदों के साथ छेड़छाड़ की थी. एजेंसी द्वारा जमा की गई रसीदों और पुणे मनपा की दहन शुल्क की रसीदों में 1 लाख 22 हजार रुपये का फर्क पाया गया. इस तरह इस रकम का गबन किया गया. कमिश्नर शेखर सिंह की मंजूरी के बाद मुख्य पशुपालन अधिकारी की ओर से दिल्लीवाला एंड संस के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा. एजेंसी के दो महीने के बिल को पेंडिंग रखकर उसकी रसीदों का ऑडिट किया जाएगा. एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.
एजेंसी को ब्लैक लिस्ट में डाला गया
मनपा के पशु चिकित्सा विभाग के उपायुक्त संदीप खोत ने बताया कि दिल्लीवाला एंड सन्स एजेंसी को पशु चिकित्सा विभाग की ओर से 3 नोटिस जारी किए गए. एजेंसी ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया, इसलिए उसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है.
प्रतिदिन 5 से 10 पशुओं का दहन
कुत्ते, बिल्लियां, बैल, भैंस, घोड़े, गधे, बकरियां, भेड़ आदि जानवरों की बीमारी, उम्र और आकस्मिक मृत्यु होने पर उन्हें उठाकर नेहरूनगर ही विद्युत शवदाहगृह में जला दिया जाता है. फिलहाल यह काम मनपा के पशु चिकित्सा विभाग की ओर से किया जा रहा है. यहां जानवरों मालिकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता. हालांकि, पालतू कुत्तों और बिल्लियों के लिए शुल्क लिया जाता है. अधिकारियों ने बताया कि हर दिन लगभग 5 से 10 जानवरों का दहन किया जाता है.