संत तुकारामनगर, 31 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
साहित्य सम्राट आचार्य अत्रे मराठी रंगमंच के महान नाटककार थे. यूरोप के महानतम नाटककार विलियम शेक्सपियर ने कुल 37 नाटक लिखे और आचार्य अत्रे ने 25 नाटक लिखे. जब तक उनके नाटक मंच पर हैं, तब तक वे जीवित हैं. यह विचार भारती विद्यापीठ के कुलपति डॉ. शिवाजीराव कदम ने व्यक्त किये. आचार्य अत्रे के जन्म का यह शताब्दी रजत जयंती वर्ष है. इस अवसर पर आचार्य अत्रे विकास प्रतिष्ठान, पुरंदर और भारती वेिशविद्यालय, पुणे के सहयोग से पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ शहरों में आचार्य अत्रे नाट्यमहोत्सव का आयोजन किया गया है.
उद्घाटन समारोह संत तुकारामनगर के आचार्य अत्रे रंगमंदिर में आयोजित किया गया. नाट्य महोत्सव की शुरुआत डॉ. कदम द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई. उद्घाटन अवसर पर डॉ. कदम बात कर रहे थे. इस अवसर पर डॉ. डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. पी.डी. पाटिल, आचार्य अत्रे विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विजय कोलते, अखिल भारतीय रंगमंच परिषद के उपाध्यक्ष भाऊसाहेब भोईर आदि उपस्थित थे. डॉ. पी.डी. पाटिल ने कहा, आचार्य अत्रे एक पत्रकार, लेखक, नाटककार व सफल फिल्म निर्माता थे. उनकी साहित्यिक संपदा आज भी लोकप्रिय है. हमें गर्व है कि ‘लग्नाची बेदी’, ‘टू मी नैहिच’, ‘मोरुची मावशी’, ‘कवाडी चुंबक’ जैसे नाटक आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं. उद्घाटन समारोह के बाद नाटक ‘लग्नचाची बेडी’ का मंचन किया गया. पूर्व नगरसेवक अभिमन्यु दहितुले ने आभार व्यक्त किया.