पुणे, 31 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
नदी तट सुधार योजना के तहत मनपा बंडगार्डन से मुंढवा तक की वनविभाग की 11 हेक्टेयर जमीन अपने कब्जे में लेगा. इसके बाद इस जमीन से पेड़ों को हटाया जाएगा. इसके बदले में पुरंदर तहसील के कोडित गांव में वनविभाग के गांवरान क्षेत्र में वैकल्पिक वृक्षारोपण किया जाएगा. मुआवजे के तौर पर राजस्व और वन विभाग को 2 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये का फंड दिया जाएगा. स्थायी समिति की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. हालांकि संकेत ऐसे मिल रहे हैं कि यह निर्णय विवादास्पद साबित हो सकता है. नियमानुसार यह वृक्षारोपण मनपा की सीमा में किया जा सकता है लेकिन यह वृक्षारोपण पुरंदर में किया जा रहा है.
पर्यावरणविदों के साथ-साथ नागरिकों ने भी करीब साढ़े सात हजार पेड़ों को हटाने का विरोध किया है. इसके अलावा मनपा इस प्रोजेक्ट के काम के लिए बंडगार्डन से लेकर मुंडवा तक कई जगहों पर वन विभाग की जगह भी लेने जा रहा है. इसमें बहुत सारे पेड़ हैं. जैसे-जैसे ये पेड़ हटते जायेंगे, उस स्थान का वन क्षेत्र कम होता जायेगा. अब जो पेड़ हटाए जाएंगे, वे शहर के आसपास की पहाड़ियों के साथ-साथ अतिक्रमित वन क्षेत्रों में भी लगाए जाने की उम्मीद है. शहर का बीडीपी क्षेत्र लगभग 978 हेक्टेयर है, जो सभी पहाड़ियां हैं. कई पहाड़ियों पर अतिक्रमण भी हो रहा है. ऐसे में शहर से करीब 27 से 28 किलोमीटर की दूरी पर जमीन राजस्व विभाग द्वारा अपने कब्जे में लेकर वहां पेड़ न लगाकर वन विभाग को वनीकरण के लिए दे दी जाएगी.
प्रशासन को कोई जानकारी नहीं
यह प्रस्ताव मनपा के प्रोजेक्ट विभाग ने दिया है. बताया गया है कि 11 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया जायेगा. हालांकि वास्तव में कितने और कौन से पेड़ लगाने हैं, क्या वह स्थान वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त है? इसका रखरखाव और मरम्मत कौन करेगा? यह पौधारोपण किसके माध्यम से कराया जाएगा इसकी कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं है.
मनपा का फैसला किसके दिमाग की उपज ?
पुणे में प्रदूषण बढ़ाकर पुरंदर का प्रदूषण कम करने का विचार किसके दिमाग की उपज है. शहर के आसपास 978 हेक्टेयर बीडीपी है. वहां पेड़ लगाने की जगह नहीं है क्या? यह देखते हुए मनपा अमेजान के जंगल में भी पेड़ लगाने में नहीं हिचकिचाएगी.
- विवेक वेलणकर, अध्यक्ष, जागरूक नागरिक मंच