एलआईसी ने पूरा किया 68 सालों का सफर

04 Sep 2024 11:39:06

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मुंबई, 3 सितंबर (आ. प्र.)
 
जब भी जीवन बीमा खरीदने की बात आती है तो लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन का नाम जरूर आता है. एलआईसी की टैगलाइन जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी लोगों को भावनात्मक रूप से अपने साथ जोड़ती है. आज एलआईसी को 68 साल पूरे हो गए हैं. आज के समय में यह देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है जिसका मार्केट कैप 6.5 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. बता दें कि इंश्योरेंस का कॉन्सेप्ट साल 1818 में अंग्रेजों के दौर में इंग्लैंड से पहली बार भारत आया था.
 
इसके पहले भारत के लोग इंश्योरेंस के बारे में नहीं जानते थे. शुरुआत में केवल भारत में रहने वाले अंग्रेजों और यूरोपियन लोगों को ही इंश्योरेंस का लाभ मिलता था. बहुत समय बाद कुछ प्रभावी लोगों के प्रयास से इसे भारतीयों के लिए भी शुरू किया गया. हालांकि, भारतीयों से लिया जाने वाला प्रीमियम अंग्रेजों के मुकाबले काफी अधिक था. साल 1870 में इस समस्या को देखते हुए बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसायटी ने एक भारतीय इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना की. इसमें भारतीय नागरिकों को सामान्य दरों पर बीमा दिया जाने लगा, धीरे-धीरे बीमा की लोकप्रियता बढ़ी तो 1886 तक देश में कई भारतीय बीमा कंपनियां खड़ी हो गईं. बीसवीं सदी की शुरुआत में बीमा कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली.
 
कंपनियों की संख्या बढ़कर 44 हो गई और इनका व्यापार करीब 22.44 करोड़ रुपये का था. बाद में इन कंपनियों की संख्या बढ़कर 176 तक पहुंच गई. साथ ही साल 1938 तक इनका व्यापार बढ़कर 298 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.1947 में जब देश आजाद हुआ तो भारत सरकार ने बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करना शुरू कर दिया. 245 इंश्योरेंस कंपनियों को मिलाकर कर लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट तैयार किया गया. इसकी शुरुआत 5 करोड़ रुपये की पूंजी से की गई. इसका लक्ष्य देश शहरों और खासकर ग्रामीण इलाकों में सही दर पर इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराना था. आज एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. इसकी बाजार हिस्सेदारी 60 फीसदी से भी ज्यादा है. एलआईसी के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 50 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है. एलआईसी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 6.73 लाख करोड़ रुपये का है.
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