कामगारों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध

10 Jan 2025 12:43:34
 
aakash
 
 
 
पुणे, 9 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
राज्य सरकार प्रत्येक कामगार के न केवल आर्थिक स्तर पर बल्कि सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्तर पर विकास के लिए प्रतिबद्ध है. यह आश्वासन एड.आकाश फुंडकर ने दिया. कामगार मंत्री एड.आकाश फुंडकर ने मुंबई में मंत्रालय में 7 जनवरी को भारतीय मजदूर संघ, विदर्भ प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. वह उस समय बोल रहे थे. इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री सी. वी. राजेश, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अनिल धुमाणे, प्रदेश महासचिव किरण मिलगीर, विदर्भ प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र गणेशे, महासचिव गजानन गटलेवार और भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे. कामगारमंत्री आकाश फुंडकर ने कहा कि कामगारों के प्रति राज्य सरकार की श्रम नीति तैयार करने पर चर्चा की जाएगी.
 
साथ ही, श्रमिकों के लिए हर जिले में श्रमिक बीमा अस्पताल स्थापित करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किए जाएंगे. असंगठित श्रमिकों के विकास के लिए एक कोष स्थापित करने की योजना है तथा सरकार इस कोष के माध्यम से असंगठित श्रमिकों के लिए बीमा एवं स्वास्थ्य योजनाएं लागू करने पर विचार कर रही है. भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने कामगार मंत्री आकाश फुंडकर को विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान श्रमिकों की समस्याओं, उनकी कठिनाइयों, श्रमिक संघों की मांगों और उनके क्रियान्वयन की स्थिति पर चर्चा की गई. चर्चा में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री बालासाहेब भुजबल, प्रदेश सचिव विशाल मोहिते, अखिल भारतीय ठेका मजदूर महासंघ के अखिल भारतीय महासचिव सचिन मेंगले, पुणे जिला सचिव सागर पवार, असंगठित क्षेत्र के सह-प्रभारी श्रीपद कुटासकर, हर्षल ठोंबरे, कोषाध्यक्ष एड.बालकृष्ण कांबले शामिल थे. घरेलू कामगार संघ की राज्य अध्यक्ष शर्मिला पाटिल, महासचिव संजना वाडकर, राज्य सचिव तथा राज्य निर्माण संघ के अध्यक्ष हरि चव्हाण उपस्थित थे.
 
महत्वपूर्ण मांगें महाराष्ट्र सरकार को श्रम नीति बनानी चाहिए
 
भगवान श्री वेिशकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए सुरक्षा रक्षकों के लिए स्वतंत्र वेतनमान बनाएं और न्यूनतम वेतन घोषित करें. लंबित न्यूनतम मजदूरी दर को तत्काल घोषित कर मजदूरों को न्याय दिया जाए. बीड़ी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू करने तथा मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाए. घरेलू कामगार कल्याण बोर्ड के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किया जाना चाहिए. निर्माण क्षेत्र में कार्यरत केंद्रीय श्रमिक संघों को पंजीकरण नोडल केंद्र के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए. नगर पंचायत/ग्राम पंचायत कर्मियों को ईएसआईएस एवं भविष्य निधि अधिनियम के अनुसार लाभ प्रदान किया जाए. हरियाणा सरकार की पैटर्न प्रणाली के माध्यम से ठेका श्रमिकों के लिए ठेकेदार मुक्त रोजगार प्रणाली लागू की जाए.
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