पाषाण, 11 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुख्य उद्देश्य यह है कि टेक्नॉलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना है. इसलिए केंद्र सरकार ने भारत में निर्मित तकनीक विकसित करने पर ज्यादा फोकस किया है. साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में उन्नत तकनीक अपनाई जा रही है और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजैंस) का भी उपयोग किया जा रहा है, यह जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अेिशनी वैष्णव ने दी और यह भी बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक चिप्स और सेमीकंडक्टर विकसित करने के लिए पुणे के रांजनगांव में एक इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर स्थापित किया जाएगा. केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अेिशनी वैष्णव ने शनिवार (11 जनवरी ) को पाषाण स्थित प्रगत संगणन विकास केंद्र (सीडैक) का दौरा किया.
उन्होंने सुपरकंप्यूटर प्रौद्योगिकी के विकास और अन्य औद्योगिक कंपनियों के लिए उपयोगी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उत्पादन के लिए आवश्यक चिप्स और अन्य तकनीकी उपकरणों के विकास के संबंध में सीडैक में चल रहे कार्यों की समीक्षा की. इस अवसर पर सी-डैक के महानिदेशक ई. मंगेश, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन, समूह समन्वयक (आरएंडडी) सुनीता वर्मा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे. उन्होनें सी- डैक में चल रही अनुसंधान पद्धति की भी समीक्षा की. सीडैक द्वारा विकसित तेजा जेएएस64 चिप और नोवा डेवलपमेंट बोर्ड का उद्घाटन अेिशनी वैष्णव ने किया.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए अेिशनी वैष्णव ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों की जरूरत के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक चिप्स और सेमीकंडक्टर विकसित करने के लिए रांजनगांव में इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए 6,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुख्य लक्ष्य तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाना है. केन्द्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के संबंध में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. साथ ही, तकनीकी विकास के लिए देश में पांच प्रयोगशालाएं विकसित की जाएंगी. इसी प्रकार, नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन भी प्रगति के पथ पर है और मिशन के अनुसार सुपरकंप्यूटिंग में पचास प्रतिशत से अधिक उपकरण भारतीय मूल के हैं. इस बीच, पुणे नासिक रेलवे परियोजना के बारे में अेिशनी वैष्णव ने कहा कि पुणे नासिक रेलवे लाइन पर नारायणगांव में स्थित जीएमआरटी अंतरराष्ट्रीय वेधशाला पर 23 देश निर्भर हैं. यह वेधशाला देश की धरोहर है. इसलिए, किसी भी परिस्थिति में जीएमआरटी वेधशाला को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा. पुणे नासिक रेलवे के लिए एक अन्य मार्ग पर काम चल रहा है.