पुणे, 13 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
चुनाव आयोग अब स्वायत्त संस्था नहीं रहा है, बल्कि यह एक सरकारी विभाग बन गया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर धन का उपयोग हुआ. धन से सत्ता और सत्ता से धन का चक्र तोड़ना अब कठिन हो गया है. लोकतंत्र की हत्या में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी मदद की. यह देखकर स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र अब नहीं बचा है, ऐसा कड़ा बयान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पुणे में दिया. महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि और युवक क्रांति दल की ओर से गांधी दर्शन शिविर का आयोजन किया गया था. कोथरूड स्थित गांधी भवन के सभागार में यह शिविर संपन्न हुआ्. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, मानवाधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े और प्रो. नीतीश नवसागरे ने मार्गदर्शन किया. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि विधानसभा चुनाव का परिणाम चौंकाने वाला था. कांग्रेस समेत कई लोगों का चुनावी प्रक्रिया पर वेिशास खत्म हो गया है.
चुनाव आयोग निष्पक्ष होना चाहिए, तभी लोकतंत्र का सही अर्थ रहेगा. चुनाव आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया विवादास्पद हो गई है. चुनाव आयोग अब स्वायत्त संस्था नहीं रहा है, बल्कि सरकारी विभाग बन गया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारी धन का उपयोग हुआ, जिससे स्पष्ट है कि लोकतंत्र अब नहीं रहा. धन से सत्ता और सत्ता से धन का जो चक्र है, उसे तोड़ना अब मुश्किल हो गया है. अब यह विचारधारा की लड़ाई भी रह गई है या नहीं, यह सवाल उठता है.
दल-बदल विरोधी कानून का पालन नहीं हो रहा है. सर्वोच्च न्यायालय से भी निराशा हुई है. लोकतंत्र की हत्या में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी मदद की. दल- बदल विरोधी कानून को सख्त बनाते हुए यह प्रावधान होना चाहिए कि दल बदलने पर सदस्यता तत्काल रद्द हो. डॉ. कुमार सप्तर्षि ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं को ही नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों को भी वर्तमान स्थिति की चिंता है. निराश होकर चलने का समय नहीं है. हर पीढ़ी को उस समय के सवालों के जवाब तलाशने होंगे. डॉ. प्रवीण सप्तर्षि, अनवर राजन, एडवोकेट स्वप्निल तोंडे, कमलाकर शेटे, कॉमरेड एडवोकेट सयाजी पाटिल, विकास लवांडे, अजय भारदे, अरुण खोरे, मिलिंद गायकवाड़ आदि उपस्थित थे.