पिंपरी, 14 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) शहर में रोजाना 1200 टन से अधिक कचरा उत्पन्न होता है. इस कचरे को कॉम्पैक्टर वाहनों द्वारा मोशी स्थित कचरा डंपिंग ग्राउंड पर लाया जाता है. इस कचरे पर वैज्ञानिक पद्धति से प्रक्रिया करने के लिए शहर में 16 स्थानों पर शासकीय कचरा स्थानांतरण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. इन 16 केंद्रों में से केवल तीन ही केंद्र स्थापित किए गए हैं, और उनमें से सिर्फ दो केंद्र वर्तमान में काम कर रहे हैं. आवश्यक भूसंपादन न होने के कारण बाकी 13 केंद्र केवल कागजों पर ही हैं. पिंपरी-चिंचवड़ मनपा क्षेत्र में आठ क्षेत्रीय कार्यालय है, और मनपा का इरादा प्रत्येक कार्यालय में दो-दो स्थानांतरण केंद्र स्थापित करने का है. लेकिन अधिकांश केंद्रों का स्थान नागरिकों के आवासीय क्षेत्र के पास होने के कारण नागरिकों में नाराजगी है. मनपा को केंद्रों के लिए निर्धारित स्थानों का कब्जा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, जिससे इन केंद्रों की स्थापना केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है. इस कारण शहर में ठोस कचरे की समस्या गंभीर होती जा रही है. वर्तमान में, केवल तीन स्थानों पर कचरा स्थानांतरण केंद्रों की स्थापना की गई है. ये केंद्र कासारवाड़ी, भोसरी गवलीमाथा और कालेवाड़ी में स्थापित किए गए हैं. इनमें से कालेवाड़ी स्थानांतरण केंद्र पिछले पांच महीनों से बंद पड़ा है, क्योंकि इसकी कैप्सूल मशीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चोरी हो गया है. कचरा स्थानांतरण केंद्र पूरी तरह से बंद होते हैं, जिससे आसपास के नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती. एक केंद्र की स्थापना में लगभग 2 करोड़ रुपये का खर्च आता है. मनपा को केंद्र सरकार के 15वें वित्त आयोग से अब तक 46 करोड़ रुपये मिले हैं, और भविष्य में भी और धन मिलने की उम्मीद है, जैसा कि मुख्य अभियंता संजय कुलकर्णी ने बताया.कासारवाड़ी, गवलीमाथा और कालेवाड़ी में केंद्र स्थापित किए गए हैं. पिंपरी, चोविसावाड़ी और किवले में कचरा स्थानांतरण केंद्रों का काम चल रहा है. भविष्य में सांगवी, चिंचवड़ आकुर्डी और बोहार्डेवाड़ी में कचरा स्थानांतरण केंद्रों के काम की शुरुआत होगी. इसके बाद अन्य क्षेत्रों में भी केंद्रों की स्थापना की जाएगी. हालांकि, आवश्यक स्थान का कब्जा नहीं होने के कारण मनपा केंद्रों की स्थापना में अभी तक कोई कदम नहीं उठा पाई है.