भूतपूर्व सैनिकों की उन्नति हेतु सेना प्रतिबद्ध :जनरल उपेंद्र द्विवेदी

15 Jan 2025 11:30:17
 
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पुणे, 14 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
देश में वेटरन्स, वीर नारी, सर्विंग सोल्जर और उनके ऊपर निर्भर रहने वाले परिवारजन इन सब की देश में कुल मिलाकर संख्या लगभग 1 करोड 25 लाख हैं. यह ह्यूमन कैपिटल का अनुभव राष्ट्रनिर्माण के प्रयासों में उपयोग में लाया जा सकता हैं, इसलिए सेना द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा जाएगा, वेटरन्स और राज्य सरकार की सामूहिक साझेदारी के लिए भी उपयुक्त हैं. वेटरन्स के प्रति मान्यता और उन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य हैं. यह विचार आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने व्यक्त किए. पुणे में मंगलवार को आयोजित, 9 वें वेटरन्स डे के अवसर पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संबोधित किया. कार्यक्रम में पूर्व जनरल वी.पी. मलिक, पूर्व जनरल मनोज नरवणे और पूर्व जनरल मनोज पांडे और अन्य लश्करी अधिकारी और वीर माता, वीर पिता और वीर नारी और उनके परिवार जन बहुत बडी संख्या में उपस्थित थे.
 
इस समय वेटरन्स पत्रिका का अनावरण भी किया गया. जनरल द्विवेदी और उनकी पत्नी सुनीता के द्वारा पूर्व सैनिकों के परिवारजनों को इस वक्त सम्मानित किया गया. जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा की, 9 वें वेटरन्स डे के अवसर पर हमें उन सभी बहादुर योद्धाओं का सम्मान करने का अवसर मिला है. जिन्होंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय इस देश के प्रति सेवा में समर्पित किया है. आप सभी, न केवल देश के वीर रक्षक है, बल्कि आज भी आप हमारे समाज और राष्ट्र के लिए प्रेरणास्त्रोत है. सेना में आपके योगदान से लेकर सेवानिवृत्ति के बाद के आपके सामाजिक दायित्वों तक, आपकी यात्रा हमारे राष्ट्र के लिए अपार महत्व रखती है. हमारा राष्ट्र आज अपने विकसित भारत के स्थापित लक्ष्य की ओर तेजी से कदम बढा रहा हैं.
 
इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर नागरिक की समावेशिता आवश्यक है. इस स्थिति में हमारे वेटरन्स एक अमूल्य ह्यूमन कैपिटल के रूप में, राष्ट्रीय प्रयास को, सक्षम और सशक्त बनाने में एक मुख्य संपत्ति बन सकते हैं. यदि 24 लाख वेटरन्स, 7 लाख वीर नारी, 28 लाख रजिस्टर्ड डिपेंडेंट्स, 12 लाख सर्विंग सोल्जर्स उनके 24 लाख डिपेडंट्स और 28 लाख उनके परिवार के अन्य सदस्यों की गिनती कर लेें, तो इन सभी की कुल ताकत लगभग 1 करोड 25 लाख के करीब हो जाती है. यह ह्यूमन कैपिटल अनुभव, अनुशासन और प्रतिबद्धता से भरपूर है और इसे राष्ट्रनिर्माण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण योगदान देने में उपयोग में लाया जा सकता है. यह भी जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा.
 
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहां कि, वेटरन्स और उनके परिवारजनों की राज्य सरकारों तक सक्रिय रूप में पहचान बनाने का सेना का प्रयास जारी है. विभिन्न क्षेत्रों और पृष्टभूमि का विस्तार किया जा रहा है, जहां पूर्व सैनिकों का उपयोग राष्ट्र निर्माण के प्रयासों को सुदृढ करने में किया जाए. इसलिए राज्य सरकार को अपने कार्य में वेटरन्स की समावेशिता से लाभ हो सकता हैं. इसी तरह की कार्यवाही जिला स्तर पर भी विचाराधीन है. इस अवधारणा पर कुछ राज्यपाल के साथ चर्चा की गई है, जो स्वयं भी पूर्व सैनिक रह चुके हैं और इस प्रयास के मूल विचारों का उनका समर्थन प्राप्त हुआ हैं. वेटरन्स के प्रति सम्मान देना हमारा कर्तव्य है, इसलिए बीते वर्ष 2024 में 12 हजार लाभार्थियों को वेलफेअर स्कीम के माध्यम से 58 करोड से अधिक राशी वितरित की गई हैं.
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