पुणे, 15 जनवरी (शैलेश काले द्वारा)
पुणे मनपा के 518 स्क्वेयर किमी क्षेत्रफल से बाहर भी (होरिजेंटल) तेजी से शहरीकरण जारी है. इस बीच, नई एकीकृत विकास नियंत्रण नियमावली (UDCPR) के बाद शहर की इमारतें आकाश की ओर (वर्टिकल) ऊंची हो रही हैं. अब तक मनपा ने 70 मीटर से लेकर 132 मीटर तक ऊंची कुल 150 इमारतों को मंजूरी दी है और आने वाले कुछ वर्षों में पुणे भी मुंबई की तरह ऊंची इमारतों का शहर बनता हुआ नजर आ रहा है. ऐतिहासिक पुणे ने पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक शहर और आईटी नगरी के रूप में विकास किया है. शिक्षा और रोजगार के अवसरों के कारण पुणे की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और यह 72 लाख तक पहुंच गई है. सीमा के पास की बस्तियां भी जल्द ही मनपा में शामिल होती जा रही ह्ैं.
इसके चलते मनपा की सीमा 518 चौ.किमी. तक बढ़ गई है. शहर के विकास को रोकने के बजाय, घरों की जरूरत को पूरा करने के लिए विकास नियंत्रण नियमावली में समय-समय पर बदलाव किए गए ह्ैं गांवों के शहर बनने के कारण इमारतों की ऊंचाई पर लगी पाबंदियां धीरे-धीरे ढीली की गईं, जिससे नई सीमा में निर्माण के साथ-साथ पुराने क्षेत्रों के पुनर्विकास को भी बढ़ावा मिला है. मनपा ने 2016 से 24 मीटर चौड़ी सड़कों के किनारे 100 मीटर ऊंची इमारतों को मंजूरी देना शुरू किया. मंजूरी देते समय संबंधित इमारतों के लिए सड़क कनेक्टिविटी, पार्किंग, ड्रेनेज और पानी आपूर्ति व्यवस्था, सुरक्षा और पर्यावरण पर असर जैसे पहलुओं की समीक्षा की जाती थी और जिला अधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति से निर्माण की अनुमति दी जाती थी.
इसके बाद, 2017 में सरकार ने सभी शहरों के लिए UDCPR लागू करने की शुरुआत की. इस UDCPR को 2020 में मंजूरी मिलने के बाद, 12 मीटर चौड़ी सड़क की कनेक्टिविटी वाले रास्तों के किनारे 100 मीटर से ऊंची इमारतों को अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू हुई. मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में हाई राइज कमेटी के माध्यम से इन मंजूरियों की शुरुआत की गई, जिससे उपनगरों के साथ-साथ केंद्रीय शहर में भी ऊंची इमारतें बनने लगी हैं. मुख्य रूप से, बाणेर, पाषाण, बालेवाड़ी, संगमवाड़ी, वड़गांव शेरी, खराड़ी, मुंढवा, बिबवेवाड़ी, कोंढवा, गुलटेकड़ी, एरंडवणा जैसे क्षेत्रों में 100 मीटर से ऊंची यानी 30 से 33 मंजिला इमारतों का तेजी से निर्माण हो रहा है.
केंद्रीय शहर में शुक्रवार पेठ, मंगलदास रोड, शिवाजीनगर भांबुर्डा, सोमवार पेठ में भी ऊंचे टॉवर्स बनने लगे हैं. इसमें पुनर्विकास परियोजनाओं का भी समावेश है. अब तक मनपा ने 70 मीटर से 130 मीटर ऊंची कुल 150 इमारतों को निर्माण की मंजूरी दी है. इन अधिकांश इमारतों में निचले तीन मंजिलों पर पार्किंग, व्यवसायिक उपयोग के साथ-साथ आवासीय अपार्टमेंट भी हैं. कुछ इमारतों का काम पूरा हो चुका है और उनका उपयोग भी शुरू हो गया है. इन इमारतों को मंजूरी देते वक्त सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक अग्निशमन प्रणाली, उपयोग के पानी के लिए सीवेज रीसाइकिलिंग प्रोजेक्ट जैसे पहलू अनिवार्य किए गए हैं. साथ ही, इमारत के साइड मार्जिन को 12 मीटर अनिवार्य किया गया है. UDCPR लागू होने के बाद और मेट्रो मार्ग के किनारे चार एफएसआई की अनुमति मिलने से पुनर्विकास को गति मिली है. टीडीआर उपयोग के नियमों में ढील देने से पहले तीन से चार मंजिलों वाली इमारतों की जगह अब ऊंची इमारतों की संख्या बढ़ी है, ऐसी जानकारी मनपा अधिकारियों ने दी है.