सेना हर मुकाबला करने में सक्षम : जनरल उपेन्द्र द्विवेदी

सेना दिवस पर आयोजित परेड के निरीक्षण के दौरान सेना प्रमुख ने जताया विश्वास

    16-Jan-2025
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पुणे, 15 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
देश की उत्तरी सीमा पर स्थिति ठिक है, लेकिन साथ ही संवेदनशील भी है, इसलिए उत्तरी सीमा पर आधुनिक उपकरण और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा है कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है. भारतीय सेना के 77 वें स्थापना दिवस के अवसर पर सेना के सदर्न कमांड द्वारा खड़की स्थित बॉम्बे सैपर्स (बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर) में सेना दिवस परेड का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया.
 
मेजर जनरल अनुराग विज की नेतृत्व में आयोजित परेड का निरीक्षण जनरल द्विवेदी ने किया. परेड में आठ रेजिमेंट सेंटर्स ने भाग लिया. मराठा रेजिमेंट सेंटर,बेलगांव, आर्टिलरी सेंटर,नासिक, आर्मी ऑर्डनन्स रेजिमेंट सेंटर,सिकंदराबाद, मेकॅनाइज्ड इन्फन्ट्री रेजिमेंटल सेंटर,अहिल्यानगर, मद्रास रेजिमेंटल सेंटर,वेलिंग्टन,बीईजी सेंटर खडकी, आर्मी सर्विस कोर इन रेजिमेंट ने भाग लिया. इस परेड में पहली बार मिलिट्री पुलिस दल की महिला अग्निवीर स्क्वॉड ने भी भाग लिया. जनरल द्विवेदी ने कहा कि पश्चिमी सीमा पर नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम लागू है, लेकिन घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं.
 
 
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सुरक्षा बलों के लगातार और कठोर प्रयासों के परिणामस्वरूप जम्मू और कश्मीर के आंतरिक इलाकों में हिंसा में उल्लेखनीय कमी आई है. पिछले वर्ष लोकसभा और विधानसभा चुनावों तथा अमरनाथ यात्रा का शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होना इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में सुधार का संकेत है. जनरल द्विवेदी ने आगे कहा, आज हमारा देश एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है और विकसित भारत के लक्ष्य की ओर ऊर्जावान तरीके से आगे बढ़ रहा है. हमारे देश को प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए स्थिर और सुरक्षित वातावरण आवश्यक है और भारतीय सेना इसे सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए, हमने परिवर्तन के दशक के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है. इस परिवर्तन का उद्देश्य हमारी परिचालन तत्परता को मजबूत करना तथा हमारी कार्यात्मक और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना है. वर्ष 2025 में हमारा ध्यान सुधारों के वर्ष और प्रौद्योगिकी अवशोषण के वर्ष की अवधारणाओं पर रहेगा. मुझे वेिशास है कि हम भारतीय सेना को आधुनिक, चुस्त, अनुकूलनीय, तकनीकी रूप से सक्षम और भविष्य के लिए तैयार सेना बनाने की दिशा में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे.