महाबैंक को 1,406 करोड़ का मुनाफा हुआ

18 Jan 2025 10:42:50
 
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शिवाजीनगर, 17 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
बैंक ऑफ महाराष्ट्र को चालू वित्त वर्ष की दिसंबर 2024 को समाप्त तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 36 प्रतिशत बढ़कर 1,406 करोड़ रुपये हुआ है. दिसंबर 2023 तिमाही में बैंक ने 1,036 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. प्रबंध निदेशक और सीईओ निधु सक्सेना ने गुरुवार (16 जनवरी) को तिमाही परिणामों की घोषणा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लाभ में वृद्धि ब्याज आय में वृद्धि के कारण हुई है. इस अवसर पर बैंक के कार्यकारी निदेशक आशीष पांडे और रोहित ऋषि उपस्थित थे. पिछली तिमाही में बैंक ने शुद्ध ब्याज आय में 19.37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 2,943 करोड़ रुपये की आय दर्ज की थी.बैंक का कुल कारोबार साल-दर-साल 16.86 प्रतिशत बढ़कर 5,07,650 करोड़ रुपये हो गया. जमाराशि 13.54 प्रतिशत बढ़कर 2,79,007 करोड़ रुपये हो गई वहीं ऋण कारोबार 21.19 प्रतिशत बढ़कर 228,642 करोड़ रुपये हो गया है. यह भी बताया गया कि ऋण-जमा अनुपात में भी सुधार हुआ है और यह 81.95 प्रतिशत तक पहुंच गया है.दिसंबर तिमाही में बैंक की कुल आय 7,112 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5,851 करोड़ रुपये थी. सकल एनपीए को घटाकर 1.80 प्रतिशत पर लाने में सफलता बैंक दिसंबर तिमाही में सकल एनपीए को घटाकर 1.80 प्रतिशत पर लाने में सफल रहा है. शुद्ध एनपीए भी पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 0.22 प्रतिशत से घटकर 0.2 प्रतिशत रह गया. बैंक ने अप्रैल से दिसंबर 2024 तक नौ महीने की अवधि के लिए 4,027 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है. पिछले वित्त वर्ष के नौ महीनों में यह 2,837 करोड़ रुपये था. सक्सेना ने यह भी बताया कि इस अवधि में कुल ब्याज आय 8,549 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है.
 
 
 विभिन्न स्त्रोतों के जरिए निधि जुटाई जाएगी
 
बैंक ऑफ महाराष्ट्र जल्द ही विभिन्न स्रोतों से पूंजी जुटाएगा. इसके बाद बैंक में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 75% से कम हो जाएगी.शेयर बाजार नियामक सेबी ने बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से कम करने के नियम जारी किए हैं. वर्तमान में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 79.6% है. सितंबर के अंत में बैंक में केंद्र सरकार की शेयर पूंजी 86.46% थी. हालांकि, अक्टूबर माह में बैंक ने संस्थागत निवेशकों से 3,500 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई. बैंक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह संस्थागत निवेशकों या अन्य निवेशकों से कब और कितना उधार लेना है, इस संबंध में निर्णय ल
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