पुणे में शीघ्र बनेगा अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर : मोहोल

19 Jan 2025 14:26:57

vdvsvd
 
पुणे, 18 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

पुणे में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनेगा, यह आश्वासन केंद्रीय सहकारिता और नागरी उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहाल ने दिया. मुझे उम्मीद है कि कन्वेंशन सेंटर बनने के बाद दिल्ली और मुंबई से लोग पुणे आएंगे. पुणे में पर्यावरणीय समस्याएं हैं, लेकिन सभी पुणेवासियों को उन गैर सरकारी संगठनों के काम का समर्थन करना चाहिए जो इन समस्याओं को हल करने के लिए काम कर रहे हैं. विकास के काम को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए, यह विचार भी मोहोल ने व्यक्त किए. इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग एंड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (आईएसएचआरई) द्वारा आयोजित ग्रीन कॉन्क्लेव-2025 का उद्घाटन मुरलीधर मोहोल, क्रेडाई अध्यक्ष रंजीत नाइकनवरे, आर्किटेक्ट संदीप शिखर, आईएसआरई के अध्यक्ष अनूप बालानी, आईएसआरई पुणे चैप्टर के अध्यक्ष आशुतोष जोशी, परिषद समन्वयक डॉ. पूर्वा केसकर और परिषद अध्यक्ष अरविंद सुरंगे की उपस्थिति में किया गया. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभकामनाएं दीं. यह कार्बन-न्यूट्रल सम्मेलन 18 जनवरी को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक, सुजलॉन वन अर्थ, मगरपट्टा, हडपसर के ग्रीन बिल्डिंग में आयोजित किया गया. उद्घाटन सत्र में डॉ. करिन मीसेनबर्गर ने मुख्य भाषण दिया. शाम को पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जीरो-नेट जीरो एक्सलरेटर पुरस्कार वितरित किए गए. ग्रीन कॉन्क्लेव में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और नवोन्मेषी विचारकों को एक मंच पर लाया गया. सम्मेलन में करिन मीसेनबर्गर (विएना), दीपेन्द्र प्रसाद (दिल्ली), शैलेन्द्र शर्मा, श्रुति नारायण, जयधर गुप्ता, आशीष राखेचा, एन. एस. चंद्रशेखर, शेखर गंटी, डॉ. सतीश कुमार, जगदीप सिंह, निखिल कुलकर्णी, आर. एस. कुलकर्णी और आदित्य चुणेकर ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए. रणजीत नाइकनवरे ने कहा कि पुणे शहर में जीवन स्तर अभी भी उतना ऊंचा नहीं है जितना होना चाहिए, निर्माण क्षेत्र में टिकाऊ और पर्यावरणीय विकास हासिल करना तथा ग्रीन बिल्डिंग के मानदंडों का पालन करना निर्माण पेशेवरों के लिए एक बड़ी चुनौती है. आर्किटेक्ट संदीप शिखर ने कहा, निर्माण क्षेत्र में विकास और कार्य करने से पहले प्रत्येक स्थान की स्थानीय जलवायु और प्राकृतिक परिस्थितियों का अध्ययन करना आवश्यक है. कार्यक्रम का संचालन विमल चावड़ा ने किया. कंसस्ट्रक्शन कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और बिल्डरों ने गोलमेज चर्चा में भाग लिया. 
 
 
Powered By Sangraha 9.0