प्रो. सोनिग्रा ने महापुरूषों के सार को आत्मसात किया

20 Jan 2025 14:29:55
bsfbfb  
कोथरुड, 19 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

आचार्य रतनलाल सोनग्रा ने भगवान गौतम बुद्ध, महावीर, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, म. फुले, अण्णा भाऊ साठे, मुंडा, रविदास और विठ्ठल शिंदे जैसे सभी महापुरूषों के सार को आत्मसात किया है. उन्होंने कई धर्मों का अध्ययन किया है और व्यापक रूप से लिखा है. उनकी कलम मानव केंद्रित है, ऐसे विचार वरिष्ठ लेखक डॉ. श्रीपाल सबनीस ने व्यक्त किए. प्रख्यात लेखक आचार्य रतनलाल सोनग्रा को माइर्स एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा भारतीय साहित्य- संस्कृति अलंकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में डॉ. सबनीस बोल रहे थे. कार्यक्रम में बिहार वेिशविद्यालय के प्रो. रतनलाल सिंह आरोही, वरिष्ठ पत्रकार सुरेशचंद्र पाध्ये बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. वेिशनाथ दा. कराड ने निभाई. साथ ही नागपुर वेिशविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एस. एन. पठाण और श्रीमती सोनाग्रा उपस्थित थे. प्रो. डॉ. वेिशनाथ कराड ने कहा कि समाज को महान संतों द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति को ज्ञानमयो विज्ञानमयो की अवधारणा के अनुसार व्यवहार करना चाहिए. प्रो. रतनलाल सिंह आरोही, सुरेशचंद्र पाध्ये ने भी अपने विचार रखे. डॉ. महेश थोरवे ने सम्मान पत्र पढा. कार्यक्रम का संचालन प्रा. प्रदीप माली ने किया. आचार्य रतनलाल सोनग्रा ने कहा कि व्यक्ति को अपना कर्तव्य निभाते रहना चाहिए. जब समाज को आपका कार्य अच्छा लगेगा, तो वे इस ओर ध्यान देंगे. साहित्य की दुनिया में काका साहब गाडगिल, आचार्य अत्रे और प्रो. वेिशनाथ कराड का सहयोग पाकर मैं भाग्यशाली हूं.  
 
 
Powered By Sangraha 9.0