पुणे, 19 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पुणे शहर में नवम्बर 2024 से अब तक हुए अपराधों के बारे में पुणे पुलिस कमिश्नरेट में एक बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम और विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे की प्रमुख उपस्थिति रही. इसके साथ ही पुणे शहर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने घटी हुई घटनाओं पर कार्रवाई का प्रस्तुतीकरण किया. इस बैठक में घटित घटनाओं पर गंभीरता से ध्यान देते हुए, ऐसी घटनाएं फिर से न हों, इसके लिए उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए और उपायों के बारे में चर्चा की. महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सभी घटकों को एक साथ काम करने की आवश्यकता है, ऐसी सलाह डॉ. नीलम गोर्हे ने दी. साथ ही, वे आगे कहती हैं, आज की बैठक में मैंने चार-पांच सवाल सामने रखे, और इनमें से पहला सवाल पुणे में ट्रैफिक जाम से संबंधित है. इसमें सिग्नल व्यवस्था, पुणे शहर में स्मार्ट सिटी से पुणे पुलिस के पास सौंपने का प्रस्ताव अब भी विचाराधीन है, यह प्रयास कई वर्षों से चल रहा है. इस पर योगेश कदम ने कहा कि इस प्रस्ताव को मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार जी के पास पत्र भेजता हूं. दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा यह था कि महिला विरोधी हिंसा और अत्याचार के अपराधों को बी समरी (रद्द) किया जाता है, जबकि दंड संहिता में यह कहा गया है कि ऐसे अपराधों को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उनका पुनरावलोकन किया जाना चाहिए, ऐसी मैं उन्हें सलाह दी है. इसके साथ ही, शहर में लगभग 1200-1300 पॉक्सो मामलों में, संबंधित बच्चियों को हर तारीख से पहले सूचित करना आवश्यक है कि उनकी तारीख है और उनके सामने कोई समस्या है या नहीं. हर महीने पुणे पुलिस उन बच्चियों को फोन करती है, अगर कोई समस्या हो तो गृह भ्रमण भी करती है. इस पर डॉ. नीलम गोर्हे ने बच्चियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए कुछ सामग्री उपसभापति कार्यालय और स्त्री आधार केंद्र की ओर से देने की इच्छा जताई, और इसके लिए उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.
ऑनर किलिंग को टाइटल अपराधों में शामिल किया जाए
इसके अलावा ड्रग्स की समस्या को कम करना चाहिए, ट्रैफिक जाम से होने वाले हादसों के लिए और साइकिल प्रेमियों के लिए सुरक्षा उपायों को उठाना चाहिए, ऐसा उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कहा. आगे ऑनर किलिंग जैसे गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए, उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे ने कहा, पुणे शहर में आज तक एक भी ऑनर किलिंग की घटना नहीं घटी है. हालांकि, ऑनर किलिंग को टाइटल अपराधों में शामिल किया जाना चाहिए ताकि अगर ऐसी कोई घटना घटित हो तो उसे गंभीरता से लिया जाए.
बीट स्तर पर सुरक्षा समितियां बननी चाहिए
पुणे शहर की आबादी बढ़ रही है, इसलिए महिला सुरक्षा समितियां केवल पुलिस स्टेशन तक सीमित न रहें, बल्कि बीट स्तर पर महिला सुरक्षा समितियां बनानी चाहिए, यह भी उन्होंने सुझाया. पुलिस निधि जो अभी केवल स्कूलों और कॉलेजों तक सीमित है, उस निधि का इस्तेमाल बीट स्तर पर करने के लिए पुलिस आयुक्त ने भी स्वीकृति दी है. इस मुद्दे पर भी उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण रखा.