प्रदूषण नियंत्रण मंडल के नोटिस से मनपा मुश्किल में

21 Jan 2025 14:34:01

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पिंपरी, 20 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क )

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा किए गए एक अध्ययन में देश में मिथेन गैस उत्सर्जन के 22 महॉटस्पॉटफ की पहचान की गई थी, जिनमें पिंपरी-चिंचवड के मोशी स्थित कचरा डंप भी शामिल था. इसके बाद, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने इस संबंध में उपायों के निर्देश दिए थे, लेकिन उनका पालन नहीं किए जाने पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पिंपरी-चिंचवड़ मनपा को नोटिस भेजा है. इसरो के अध्ययन के बाद, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने मिथेन गैस उत्सर्जन से प्रभावित स्थानों पर उपाय करने के लिए एक समिति गठित की थी. इस समिति ने मिथेन गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए कई उपाय सुझाए थे. इन उपायों के क्रियान्वयन पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मनपा से सवाल किया था, जिस पर मनपा ने जवाब दिया था, लेकिन वह मंडल को संतोषजनक नहीं लगा. इसके बाद मंडल के अधिकारियों ने कचरा डंप का निरीक्षण किया और फिर मनपा को नोटिस भेजा. नोटिस में मंडल ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान डाले गए कचरे का बायोमाइनिंग (जैविक प्रक्रिया द्वारा कचरा नष्ट करना) नहीं हो रहा है. साथ ही वहां भारी मात्रा में जलाया हुआ तेल भी डाला गया है. मिथेन गैस के संकलन और उसके प्रबंधन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मिथेन गैस के उत्सर्जन पर निगरानी रखने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा, महापालिका के पास 100% कचरे को प्रोसेस (प्रसंस्करण) करने की क्षमता भी नहीं है. प्रदूषण मंडल के मनपा को निर्देश मनपा को नए कचरे को डंप में डालने से रोकना होगा. बायोमाइनिंग के लिए एक समयबद्ध योजना प्रस्तुत करनी होगी.मिथेन गैस का पता लगाने की व्यवस्था के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर अग्निशमन व्यवस्था भी स्थापित करनी होगी.  
 
100 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग करनी होगी
मिथेन उत्सर्जन की नियमित और गहरी निगरानी रखनी होगी. डंप में डाले जाने वाले कचरे का रिकॉर्ड रखना होगा. डंप में डाले गए 100% कचरे का प्रोसेसिंग करना होगा. मनपा को 15 दिनों में 2 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी होगी. मंडल ने महापालिका को नोटिस का जवाब 15 दिनों में देने को कहा है, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- जगन्नाथ सालुंखे, प्रादेशिक अधिकारी, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल  
 
 मनपा अपने उपायों की जानकारी मंडल को देगी
कोरोना काल के दौरान जैविक चिकित्सा कचरा मोशी कचरा डंप में नहीं डाला गया है. इस कचरे का प्रबंधन और निपटान यशवंतराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज (वाईसीएम) अस्पताल के केंद्र में किया गया है. कचरे के प्रबंधन के लिए पिछले एक साल से बायोमाइनिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल को जानकारी लेकर नोटिस जारी करनी चाहिए. मनपा अपने उपायों की जानकारी मंडल को देगी.
- संजय कुलकर्णी, मुख्य अभियंता, पर्यावरण विभाग, पिंपरी, मनपा
 
 
 
 
 
 
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