पिंपरी, 21 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
शिवसेना द्वारा संचालित महाराष्ट्र मजदूर संघटना और महाराष्ट्र राज्य माथाडी श्रमिक सलाहकार समिति के सदस्य तथा शिवसेना के उपनेता इरफान सय्यद के प्रयासों से पिंपरी चिंचवड़ पुणे शहर में स्थित टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज की यूनिट्स में कार्यरत माथाड़ी श्रमिकों का वेतन वृद्धि समझौता हाल ही में किया गया. शिवसेना के उपनेता इरफान सैयद के प्रयासों से पिंपरी चिंचवड़, पुणे शहर में स्थित टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज की यूनिट्स में कार्यरत माथाड़ी श्रमिकों को 5,250 रुपये की भारी वेतन वृद्धि दी गई है. यह वेतन वृद्धि जुलाई 2024 के महीने के वेतन में समाहित की गई है.
वेतन में जबरदस्त वृद्धि के कारण श्रमिकों ने इरफान सय्यद का यूनियन कार्यालय में सम्मान किया. इस अवसर पर कार्याध्यक्ष परेश मोरे, उपाध्यक्ष भिवाजी वाटेकर, जनरल सेक्रेटरी प्रवीण जाधव, संघटक प्रदीप धामणकर, मातोश्री माथाड़ी श्रमिक सहकारी पतसंस्था के चेयरमैन पांडुरंग कदम, रायरेश्वर माथाड़ी श्रमिक सहकारी पतसंस्था के चेयरमैन सतीश कंठाले, गोरक्ष दुबाले, श्रीकांत मोरे, बबन काले, सुनील सावले, अशोक सालुंके, नागेश वनवटे, समर्थ नायकवड़े विश्वनाथ गांगड, अमित पासलकर, रत्नाकर भोजणे, गणेश नाईकवाडे, आयुष शिंदे तथा माथाड़ी मंडल के टाटा ऑटो कैंप सिस्टम लिमिटेड चिंचवड़ मुकादम केशव रासकर, मुकादम गिरीश देशमुख, विजय खंडागले, टीएम ऑटोमैटिक सिस्टम चिंचवड़ मुकादम गणेश पिंपरे, टैको हॅन्ड्रीक्सन चाकण, मुकादम सचिन नाले, टाटा ऑटो कॉम सिस्टम हिंजवड़ी मुकादम स्वामी गंगाधर, भोसरी मुकादम प्रताप खाडे, श्रमिक सुमित पाठारे, दौलत पवार, प्रदीप डफल, विशाल कांबले, दीपक शेलके, सिद्धेेशर फाटक, प्रसाद शिंदे, संदीप धायरकर, दिलीप तेलंगे, शंकर स्वर्गेकर, आप्पासाहेब नवले, नामदेव जाधव, और अन्य माथाड़ी श्रमिक तथा संघटन के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
श्रमिक के हितों की रक्षा करना हमारी सफलता
किसी भी उद्योग में श्रमिक और उद्यमी एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. दोनों के बीच संवाद से समस्याओं का समाधान होता है, और यही काम संघटन करता है. भविष्य में भी श्रमिक और प्रशासन को मिलकर कंपनी और श्रमिकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए. महाराष्ट्र मजदूर संघटना हिंदु हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे के विचारों और प्रेरणा से प्रेरित एक संघटना है. यह संघटना केवल श्रमिकों के हितों की रक्षा में ही अपनी सफलता मानती है, जिससे श्रमिक संघटन को अपने परिवार की तरह मानते हैं.
- इरफान सैयद, उपनेता शिवसेना