योग अभ्यास जीवन को आनंदमय बनाता है

22 Jan 2025 14:07:48
 
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तिलक रोड, 21 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

जीवन में सिर्फ वित्तीय संपदा को महत्व देने के अलावा, हमें इस बात पर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है कि अच्छा स्वास्थ्य कैसे बनाए रखा जाए. यदि आप जीवन में खुशी पाना चाहते हैं, तो योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा समाधान है, ऐसे विचार स्वामी विवेकानंद योग वेिशविद्यालय, बैंगलोर के संस्थापक डॉ. एच. आर. नागेन्द्र गुरुजी ने रखे. वे वेिशानंद केंद्र योग थेरेपी विभाग के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे. कमलबाई हुकमीचंद चोरडिया चैरिटेबल ट्रस्ट, पुणे और बेंगलुरू स्थित विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान के सहयोग से यह विभाग पुणे में शुरू किया गया है. शहरी विकास एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता की. तिलक रोड पर यह कार्यक्रम डॉ. नीतू मांडके भवन स्थित संचेती सभागृह में आयोजित किया गया. राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के निदेशक डॉ. के. सत्य लक्ष्मी, आरोग्य धाम के निदेशक डॉ. अमित सिंह, कमलबाई हुकमीचंद चोरड़िया चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी राजकुमार चोरड़िया, मधुबाला चोरड़िया, आनंद चोरड़िया एवं अन्य गणमान्य इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे. डॉ. नागेन्द्र गुरुजी ने कहा, योगाभ्यास में एक अलग शक्ति है. इसके आधार पर कई गंभीर बीमारियों पर काबू पाना संभव है. यदि हम जीवन में खुशी पाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं तो योग अभ्यास इसमें अधिक सहायक हो सकता है. राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने उपस्थित लोगों को बैंगलोर केंद्र में प्राप्त सकारात्मक अनुभवों के बारे में तथा योग की शक्ति का अनुभव भी बताया. वेिशानंद केंद्र के संयुक्त उपचार और अनुसंधान की प्रशंसा करते हुए मंत्री माधुरी मिसाल ने यह भी ओशासन दिया कि नव-प्रारंभित योग चिकित्सा विभाग के व्यापक कार्य को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्तर पर सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी. डॉ. के. सत्य लक्ष्मी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा और योग दोनों के माध्यम से अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है. पुणे स्थित राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान द्वारा किया गया कार्य बहुत बड़ा है और लोगों को इससे बहुत लाभ हुआ है. कार्यक्रम में योग पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया. वेिशानंद केंद्र के बारे में जानकारी चिकित्सा निदेशक डॉ. अजीतकुमार मंडलेचा ने दी. कार्यक्रम का संचालन डॉ. पल्लवी कव्हाणे ने किया. ट्रस्टी राजकुमार चोरडिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
 
डॉ. नागेन्द्र गुरुजी ने यह भी कहा -

आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और योग के संयुक्त प्रयासों को अपनाने से हमारी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं. हाल के दिनों में बीमारियों की प्रकृति भी बदल रही है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नई तकनीकों के कारण इसका इलाज संभव हो गया है. प्रौद्योगिकी में भी नये परिवर्तन हो रहे हैं. यद्यपि ये चीजें अच्छी हैं, फिर भी इनमें अनेक चुनौतियां हैं. आयुर्वेद और योग का इतिहास बहुत पुराना है.  
 
 
 
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