पुणे, 21 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
प्रदूषण को कम करने के लिए सोसायटियों में मैलापानी प्रक्रिया केंद्र को कार्यरत रखना वहां के नागरिकों का कर्तव्य है. उन्हें यह कार्य निश्चित रूप से करना चाहिए. सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए मीडिया को अधिक से अधिक जनजागृति अभियान चलाने के लिए आगे आना चाहिए. यह बात राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के अध्यक्ष सिद्धेश कदम ने मंगलवार को पत्रकार-वार्ता में कही. सिद्धेश कदम ने मंगलवार पुणे मनपा में शहर में चलने वाले पर्यावरण और प्रदूषण से संबंधित प्रकल्पों का आकलन किया. इसमें प्रमुख रूप से मैलापानी प्रक्रिया प्रकल्प, कचरे की प्रक्रिया प्रकल्प और श्मशानभूमियों की वर्तमान स्थिति और भविष्य में मनपा द्वारा लागू किए जाने वाले प्रकल्पों पर चर्चा की गई.
साथ ही, इन प्रकल्पों को लागू करते समय आने वाली समस्याओं के बारे में राज्य सरकार से व्यक्तिगत रूप से समर्थन प्राप्त करने का ओशासन कदम ने इस बैठक में दिया. इस अवसर पर पुणे मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी., ड्रेनेज विभाग के उपायुक्त जगदीश खानोरे, कचरा विभाग के उपायुक्त संदीप कदम, विद्युत विभाग की शहर अभियंता मनीषा शेकटकर और पर्यावरण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.सिद्धेश कदम ने बताया कि मनपा द्वारा मैलापानी प्रक्रिया करने वाले प्रकल्पों का काम चल रहा है. इसके बाद भी जो मैलापानी सीधे नदी में जाता है, उसे नदी में छोड़ने से पहले नालों और नालों के क्षेत्रों में ही प्रक्रिया करने के लिए एमपीसीबी से उपाय सुझाने में मदद की जाएगी.
एसटीपी प्लांट और कचरा प्रक्रिया प्रकल्पों के लिए स्थान प्राप्त करने के लिए सरकार से मदद प्राप्त की जाएगी. शहर को पानी देने वाले बांधों के आसपास बड़े पैमाने पर होटल्स, फार्म हाउस और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बन गए ह्ैं. वहां उत्पन्न होने वाले मैलापानी के बांधों के पानी में मिलने की जांच करने के लिए पीएमआरडीए को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए जाएंगे.शहर में बड़े पैमाने पर विकास कार्य चल रहे हैं, जिससे धूल का स्तर बढ़ गया है. इस स्थिति में आरएमसी प्लांट भी योगदान दे रहा है. इसे रोकने के लिए एमएमआरडीए की तर्ज पर कुछ उपायों की सिफारिश मनपा को की जा रही है. समाविष्ट गांवों में प्रदूषण को रोकने के लिए जो उपाय किए जा रहे हैं, और भविष्य में क्या योजना बनाई जा रही है, इसका रिपोर्ट मनपा को देने का आदेश दिया गया है
अंतिम संस्कार हेतु जलाऊ लकड़ी का विकल्प देंगे
श्मशानभूमि में दाह संस्कार एक संवेदनशील और जटिल विषय है. सभी पहलुओं से सही संतुलन बनाए रखते हुए जलाऊ लकड़ी के विकल्प प्रदान करने का हमारा विचार है. भविष्य में बिजली और गैस दाहिनी जैसे विकल्पों को प्राथमिकता देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के लिए जनजागृति आवश्यक है. अधिक जनजागृति के लिए मीडिया को आगे आना चाहिए, ऐसी अपील करते हुए सिद्धेश कदम ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि बहुत अधिक है, इसलिए मनपा प्रशासन को अपने अधिकार क्षेत्र में मनपा अधिनियम के तहत जुर्माने की राशि कम करने की संभावनाओं को जानना चाहिए.