पुणे, 22 जनवरी (आ.प्र.) सूचना अधिकार कानून के तहत नगर निगम और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से व्यापक और विस्तृत जानकारी मांगने, प्राप्त जानकारी को अधूरी बताकर लगातार अपील करने और सुनवाई में अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति के चलते सूचना आयुक्त मकरंद रानडे ने आरटीआई कार्यकर्ता और कांग्रेस व्यापारी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी भरत सुराणा उर्फ भरत जैन द्वारा की गई कुल 61 अपील खारिज कर दी गई हैं. आयुक्त ने इन अपीलों को प्रशासनिक व्यवस्था को बाधित करने और जनहित के अभाव के कारण खारिज किया. भरत सुराणा ने मनपा के विभिन्न विभागों, राज्य सरकार के सिंचाई विभाग सहित अन्य विभागों से सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी. इन विभागों से मिली जानकारी को अधूरी और अपूर्ण बताते हुए उन्होंने सूचना आयुक्त के समक्ष 61 अपील दायर की थीं. आयुक्त ने पिछले महीने इन सभी अपीलों पर संयुक्त सुनवाई की. सुनवाई के लिए संबंधित विभागों के सूचना अधिकारियों और सुराणा को उपस्थित होने के लिए कहा गया था. सुनवाई के दौरान, विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सुराणा द्वारा मांगी गई जानकारी अत्यधिक विस्तृत और व्यापक प्रकृति की है, जिसे देने में लंबा समय लगता है. इसके बावजूद प्रशासन ने उन्हें जानकारी उपलब्ध कराई थी, लेकिन सुराणा इससे संतुष्ट नहीं हुए. उन्हें बार-बार सुनवाई के लिए बुलाया गया, परंतु वे अनुपस्थित रहे. आयुक्त ने पाया कि सुराणा द्वारा मांगी गई जानकारी व्यक्तिगत स्वार्थ की थी और इससे किसी भी प्रकार का व्यापक जनहित सिद्ध नहीं होता. आयोग का मानना है कि सुराणा का सूचना मांगने का इरादा गलत था और उन्होंने सूचना अधिकार कानून का दुरुपयोग किया. द्वितीय अपीलों में जनहित का प्रमाण देने के लिए आयोग ने सुराणा को आठ दिनों का समय दिया था, लेकिन वे यह साबित नहीं कर सके कि उनकी अपीलों से कोई व्यापक जनहित साधा जा सकता है. इसके चलते आयोग ने यह निर्णय दिया कि अपीलकर्ता ने सूचना अधिकार कानून का अनुचित और अतिशय उपयोग किया, जिससे सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का बहुमूल्य समय और श्रम नष्ट हुआ इसका सीधा असर अन्य नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं पर पड़ा. पूर्व के न्यायिक निर्णयों का संदर्भ लेते हुए सूचना आयुक्त मकरंद रानडे ने भरत सुराणा द्वारा दायर सभी 61 अपील खारिज कर दी हैं.