चिंचवड़, 22 जनवरी (आ.प्र.)
थेरगांव में पवना नदी पर बटरफ्लाई आकार के स्टील गर्डर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. लेकिन पुल से जुड़ने वाले रस्ते का काम अधूरा होने के कारण यह पुल सात साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है, जिससे नागरिकों में मनपा के कामकाज को लेकर नाराजगी जताई जा रही है. चिंचवड़ गांव से थेरगांव को जोड़ने वाला यह पुल 40 करोड़ की लागत से बना है. इस पुल के शुरु हो जाने से लोगों को हजारों लोगों को सुविधा होगी लेकिन इस पुल का काम 7 सालों से अधूरा रहने के कारण लोगों में भारी नाराजगी है. चिंचवड़ गांव से थेरगांव को जोड़ने वाला यह बटरफ्लाई आकार का स्टील गर्डर पुल बनाया जा रहा है. थेरगांव के विकास योजना में 18 मीटर चौड़ी सड़क पर इस पुल का निर्माण किया जा रहा है.
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मोरया गोसावी मंदिर से कुछ दूरी पर पवना नदी पर यह पुल बन रहा है, जो थेरगांव और चिंचवड़ दो गांवों को जोड़ने वाला है. मनपा ने वर्ष 2016-17 में इस पुल के निर्माण के लिए निविदा जारी की थी. इसके बाद कार्यादेश जारी करके काम की शुरुआत की गई. इस पुल के निर्माण के लिए 40 करोड़ 19 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया है. इस पुल में नदी के तल में कोई भी पिलर नहीं डाला गया है, जिससे पवना नदी का प्रवाह निर्बाध रूप से जारी रहेगा.
यातायात में सुविधा होगी
थेरगाव और चिंचवड को जोड़ने वाले वर्तमान में पवना नदी पर दो पुल ह्ैं. एक पुल बिर्ला अस्पताल के पास बड़ा है और दूसरा धनेेशर मंदिर के पास छोटा है. यह छोटा पुल संकुचित होने के कारण यहां भारी वाहन नहीं चल सकते. इसलिए प्रसूनधाम सोसायटी के पास बनाए जा रहे नए पुल से यातायात में बहुत सुविधा होगी. यह पुल थेरगांव से चिंचवड़ और पिंपरी में यात्रा करने वाले वाहन चालकों के लिए उपयोगी साबित होगा.
सोसायटी के ऑब्जेक्शन के बाद रुक गया था काम
बटरफ्लाई पुल के जुड़ने वाले रास्ते के पास एक सोसायटी की दीवार है, और इस रास्ते की खुदाई से इस संरक्षित दीवार को नुकसान होने का खतरा था. इस मुद्दे पर सोसायटी के पदाधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके कारण काम में रुकावट आई थी. हालांकि, सोसायटी के पदाधिकारी, ठेकेदार और मनपा के अधिकारियों के बीच पुलिस स्टेशन में एक बैठक हुई, और सोसायटी ने इस काम के लिए हां कहा, जिसके बाद यह काम फिर से शुरू किया गया है.
- देवन्ना गट्टूवार, सहशहर अभियंता, मनपा