‌‘ड्रोनागिरी प्रोजेक्ट‌’ का वाशिम में हुआ शुभारंभ

23 Jan 2025 11:42:09
 
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पुणे, 22 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
भारतीय सर्वेक्षण विभाग के महासर्वे क्षक हितेशकुमार एस. मकवाना, जीडी. पीडीसी के अध्यक्ष श्रीकांत शास्त्री की उपस्थिति में और वाशिम जिले की कलेक्टर भुवनेेशरी एस. की अध्यक्षता में महाराष्ट्र राज्य के वाशिम जिले में ऑपरेशन ड्रोनागिरी का शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन बुधवार (22 जनवरी ) किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय सर्वेक्षण विभाग के महाराष्ट्र एवं गोवा भूस्थानिक निदेशालय के निदेशक ए. के. सिंह द्वारा किया गया, जो इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र राज्य के नोडल अधिकारी भी हैं. ड्रोनागिरी प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए आयोजित बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों ने भाग लिया.
 
महाराष्ट्र राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया. इस बैठक में चर्चा का मुख्य उद्देश्य विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराए गए भूस्थानिक डेटा के उपयोग से सेवाप्रदाताओं को सशक्त बनाना था, एवं उनके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म / सॉफ्टवेयर विकसित करना है, ताकि नागरिकों और स्थानीय क्षेत्रों के लिए प्रभावी और नवाचारी समाधान तैयार किए जा सकें. ड्रोनागिरी, राष्ट्रीय भूस्थानिक नीति 2022 के तहत एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य भूस्थानिक प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के संभावित अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करना है,
 
जो नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और व्यापार करने में आसानी लाने में सहायक होंगे. यह प्रोजेक्ट भूस्थानिक बुनियादी ढांचे के विकास, भूस्थानिक कौशल और ज्ञान के विकास तथा नीति के कार्यान्वयन में मानकों की स्थापना को प्रोत्साहित करता है.
 
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए एक ठोस आधार
 
पहले चरण में, ऑपरेशन ड्रोनागिरी; उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में लागू किया जाएगा. इन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट्स चलाए जाएंगे, और भूस्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकी के एकीकरण के संभावित अनुप्रयोगों को प्रदर्शित किया जाएगा. विशेष रूप से तीन क्षेत्रों को चुना गया है. जिनमें कृषि, आजीविका और लॉजिस्टिक्स एवं परिवहन हैं. इस पहल के पहले चरण में कई सरकारी विभागों, उद्योगों, कॉर्पोरेट्स और स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी की जाएगी, जिससे इसके राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार के लिए एक ठोस आधार तैयार होगा. यह जानकारी भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा दी गई.
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