पुणे, 23 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
जनप्रतिनिधि केवल नागरिकों की शिकायतें सुलझाने तक सीमित नहीं होते. उन्हें नागरिकों से मिलकर उनकी राय जाननी चाहिए और उनसे संवाद बनाए रखना चाहिए, यह सामान्य लोगों की अपेक्षा होती है. इसी अपेक्षा को पूरा करने के लिए पुणे में हर महीने सांसद जनसंपर्क सेवा अभियान चलाया जा रहा है. पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल के इस अभियान को पुणेवासियों से बढ़ता हुआ उत्साहजनक प्रतिसाद मिल रहा है, जो शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित अभियान में स्पष्ट हुआ. पुणेवासियों का सम्मान बनाए रखने के उद्देश्य से सांसद जनसंपर्क सेवा अभियान शुरू किया गया. इस अभियान में सांसद मोहोल के साथ संबंधित क्षेत्र के विधायक, पूर्व नगरसेवक जैसे जनप्रतिनिधि उपस्थित रहते हैं.
इसकी शुरुआत कोथरूड विधानसभा क्षेत्र से हुई. अब तक कोथरूड, कसबा, कैन्टोंमेंट और शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्रों में यह कार्यक्रम आयोजित हो चुका है. शुरू से ही इस अभियान ने कार्यालय में 1-2 घंटे के कार्यक्रम की धारणा को तोड़ दिया. हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 5-6 घंटे का समय दिया गया और अंतिम व्यक्ति की बात सुनकर ही कार्यक्रम का समापन किया गया. इस दौरान मनपा, राज्य सरकार के अधिकारी और पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. नागरिकों की शिकायतें या सुझाव सबसे पहले सांसद द्वारा सुने जाते हैं और फिर उन्हें उचित अधिकारियों के पास भेजा जाता है. शिकायतों का समाधान तुरंत वहीं पर करने पर जोर दिया जाता है. केंद्र, राज्य सरकार और मनपा की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी वहां मौजूद भाजपा कार्यकर्ता नागरिकों को देते हैं और उनसे फॉर्म भरवाते हैं.
नागरिकों की मदद के लिए कार्यकर्ता पूरी तरह सक्रिय रहते हैं. मतदाताओं से संवाद स्थापित करने का अभियान सांसद जनसंपर्क सेवा अभियान के बारे में मुरलीधर मोहोल ने कहा कि यह अभियान मुख्य रूप से मतदाताओं से संवाद स्थापित करने के लिए है. जो काम अभियान के दौरान किया जा सकता है, वह कार्यालय में बैठकर भी संभव है. लेकिन जब एक साथ पूरे निर्वाचन क्षेत्र से नागरिक आते हैं, तो हर किसी को ज्यादा समय देना मुश्किल हो जाता है. इसलिए हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर नागरिकों से संवाद करने को प्राथमिकता दी गई है.
इससे नागरिकों की संख्या सीमित रहती है और प्रत्येक व्यक्ति से बातचीत करना संभव हो पाता है. प्रशासन और नागरिक आमने-सामने होने से शिकायतों का तुरंत समाधान किया जा सकता है. मोहोल ने कहा, नागरिकों को मिलने वाली संतुष्टि हमारे जैसे जनप्रतिनिधियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है. हम यह शिकायत नहीं सुनना चाहते कि हमारे जनप्रतिनिधि मिलते ही नहीं. इस अभियान से कार्यकर्ताओं से भी बात करने का अवसर मिलता है और शासन व प्रशासन के प्रति नागरिकों की भावनाओं को समझने में मदद मिलती है. यह अनुभव संगठन के लिए भी उपयोगी साबित होता है.