बड़े मामलों को उजागर करने में पुलिस रही सफल

24 Jan 2025 10:58:16
 
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पुणे, 23 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

 शहर में औसत अपराधों की संख्या बढ़ने के बावजूद सभी बड़ी घटनाओं को उजागर करने में और आरोपियों को लंबे समय तक जेल भेजने में सफलता मिली है. लेकिन इस उपलब्धि पर संतोष नहीं रखते हुए अपराधों की संख्या कम करने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अगले वर्ष विशेष प्रयास किए जाएंगे. अवैध कारोबार, संगठित अपराधियों की गलतियों पर अधिकारियों को ‌‘हटाने‌’ की यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी. यह चेतावनी पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने गुरुवार को आयोजित पत्रकारवाता र् में दी. पुणे पुलिस आयुक्तालय में वार्षिक पत्रकार-वार्ता का आयोजन किया गया था. इस अवसर उन्होंने वर्षभर में हुई बड़ी घटनाओं का अवलोकन किया. अमीर लोगों द्वारा सबूतों से भी छेड़छाड़ की कोशिश की गई अमितेश कुमार ने कहा कि कुछ अमीर लोगों और आरोपियों के रिश्तेदारों ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और न्याय प्रणाली के साथ खेल खेलने की कोशिश की थी. इस साजिश में कुछ डॉक्टर भी शामिल हुए थे. लेकिन यह वही पुलिस बल है, जो अत्यंत पेशेवर तरीके से मामले की जांच कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल रहा.

इनमें से आरोपी पिछले आठ महीनों से जेल में हैं. उन्हें अभी तक जमानत भी नहीं मिली है. इस प्रकार से पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास पुलिस सिस्टम कर रहा है, ऐसा पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा. उन्होंने पोर्श कार मामले का नाम लिए बिना यह टिप्पणी की. इस मामले में शुरुआत में पुलिस सिस्टम पर भी बड़ा आरोप लगाया गया था. पिछले वर्षभर में हर दो से तीन महीने में पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों के तबादले हो रहे हैं. इस पर पुलिस आयुक्त ने सख्त राय रखते हुए कहा कि अवैध कारोबार के मामले में मेरी ‌‘नो टॉलरेंस जोन‌’ की नीति है. हर पुलिस स्टेशन की सीमा में अवैध कारोबार और अपराध बंद ही होने चाहिए. अगर कोई कार्रवाई को नजरअंदाज कर रहा है, तो उसे हटाया जाएगा. ऐसा पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने स्पष्ट किया.
 
पुलिस निरीक्षकों के लगातार तबादलों के कारण पुलिस बल में हलचल है. पुलिस थाने के कार्यक्षेत्र की जानकारी होने से पहले ही तबादले होने के कारण अपराध नियंत्रण में कैसे लाना है, ऐसा प्रश्न कई अधिकारियों ने पूछा था. इस पर अमितेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव में पुलिस अधिकारियों के तबादले हुए थे. उसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान भी तबादले करने पड़े. लेकिन अब तक के कुछ तबादले हमारी नीति के अनुरूप हुए हैं. संगठित अपराधियों की ओर से अपराधों की निरंतरता, अवैध धंधे और अनियमितताओं के कारण तबादले करने पड़ रहे हैं.
 
 
  सतीश वाघ हत्या मामला भी क्राइम ब्रांच ने उजागर किया
 
सतीश वाघ हत्या मामला सामने आया, जिसमें उनकी पत्नी ने सुपारी देकर हत्या करवाई थी. यह बात अपराध शाखा के जांच दल ने उजागर की. इसमें छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इसमें भी विशेष वकील की नियुक्ति की जाएगी. समर्थ पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में 1837 किलो एमडी (मादक पदार्थ) जब्त किया गया. जिसमें 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि चार अब भी फरार हैं. यह मामला एनसीबी को सौंपा गया है. वहीं पोर्शे कार मामले में कुल दस आरोपी गिरफ्तार हैं.
 
आंदेकर हत्या मामला अत्यंत संवेदनशील
 
आंदेकर हत्या मामला भी पुलिस की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील था, इसमें 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुलिस सिस्टम पूरी क्षमता से काम कर रही है. मामले में जल्द से जल्द आरोप-पत्र दाखिल किया जाएगा. यह केस फास्ट ट्रैक पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले में बड़ी मात्रा में शस्त्र का भंडार जब्त किया गया था. पिछले साल पांच जनवरी को शरद मोहोल की हत्या हुई थी, उसका बदला लेने का प्रयास कर रहे लोगों को अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया. जबकि बोपदेव घाट में बलात्कार का मामला भी उतना ही संवेदनशील था. इसमें एक आरोपी फरार है. उसका आरोप-पत्र जल्द ही दाखिल किया जाएगा. इसके लिए विशेष वकील की नियुक्ति जल्द होने वाली है.
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