गुइलेन बैरे सिंड्रोम के मरीजों का मुफ्त इलाज हो

25 Jan 2025 15:21:38
 
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शिवाजीनगर, 24 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

शहर में दूषित पानी के कारण बढ़ रहे गुइलेन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इस बीमारी के इलाज के दौरान कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता पड़ रही है, जिससे इलाज का खर्च भी काफी बढ़ गया है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले से मुलाकात कर जीबीएस से ग्रस्त मरीजों के लिए मुफ्त इलाज की मांग की. कांग्रेस के इस प्रतिनिधि मंडल में युवक कांग्रेस के महासचिव प्रथमेश आबनावे, ओबीसी विभाग के पुणे शहर अध्यक्ष प्रशांत सुरसे, पीएमटी के पूर्व चेयरमैन शेखर कपोते, शहर सचिव चेतन अग्रवाल और अनिकेत सोनवणे शामिल थे. शहर के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से सिंहगढ़ रोड और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित पानी की वजह से गुइलेन बैरे सिंड्रोम के मरीज बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 67 मरीज दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 13 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. शिष्टमंडल द्वारा की गई मुख्य मांगों में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में जीबीएस मरीजों के लिए मुफ्त इलाज और दवाओं की तत्काल व्यवस्था की जाए. दूषित पानी के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए विशेष जल परीक्षण अभियान चलाया जाए. प्रभावित इलाकों में पानी आपूर्ति व्यवस्था की नियमित जांच और निगरानी की जाए. जल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों, संस्थाओं या कारखानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. दूषित इलाकों में शुद्ध पानी की आपूर्ति के लिए टैंकर सेवा शुरू की जाए और क्लोरीन व फिल्टर सुविधाएं नागरिकों को दी जाएं. दूषित पानी से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित कर नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं. शहर में जीबीएस जैसी गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इन उपायों की तत्काल आवश्यकता है. इन पर अमल करने की मांग की गई.
 
 
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