कर्वे रोड, 25 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
पिछले 25 दिनों में सोने की कीमतों में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अब जबकि सोना 80,000 रुपए के स्तर को पार कर गया है, उपभोक्ताओं के मन में एक अजीब सी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि इसके कई कारण हैं, लेकिन फिलहाल चल रहे शादी-ब्याह के सीजन को देखते हुए आभूषणों और अन्य प्रयोजनों के लिए सोने की मांग में ज्यादा कमी नहीं आई है. बुधवार को होने वाली अमेरिकी फेड की बैठक, डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अपने शपथ ग्रहण के बाद लिए गए नए निर्णयों की झड़ी, तथा रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत में तेजी का असर सोने के बाजार में महसूस किया जा रहा है. स्वाभाविक रूप से, सोने की कीमतों में तेजी और मंदी दोनों तरफ अस्थिरता रहती है. एक ओर जहां वैेिशक आर्थिक स्थिति अस्थिर है. वहीं, कई देशों में संघर्ष का माहौल है. इस बात को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है कि डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के संबंध में क्या निर्णय लेंगे. इस पृष्ठभूमि में, देश और विदेश में सोने की बढ़ती मांग के कारण सोने की कीमतें बढ़ रही हैं. शनिवार (25 जनवरी) को पुणे के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 80,000 के आंकड़े को पार कर गईं, वहीं चांदी भी 91,700 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई. पिछले 25 दिनों में यह वृद्धि 5 से 6 प्रतिशत और पिछले ढाई महीने में यह लगभग 8 प्रतिशत है. इतने कम समय में सोने की कीमतों में वृद्धि से उपभोक्ताओं के मन में कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है. सोना इस समय बाजार में ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है. सोने की मूल कीमत 80,600 रुपये और उस पर 3 प्रतिशत जीएसटी को ध्यान में रखते हुए, पुणे के बाजारों में 10 ग्राम सोना खरीदने के लिए 83,000 रुपये का खर्चा हो रहा है.खासकर पिछले आठ दिनों से सोने की कीमत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका की ऋण नीति और मौद्रिक नीति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. डोनाल्ड ट्रम्प ने सुझाव दिया है कि अमेरिकी रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती करे. अमेरिकी फेड चेयरमैन पॉवेल और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच वैचारिक संघर्ष सोने के बाजार में अस्थिरता पैदा कर रहा है. क्या अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती होगी..? यह कई लोगों के सामने बड़ा सवाल है. क्योंकि, इसी निर्णय से यह निर्धारित होगा कि सोने की खरीद बढ़ेगी या घटेगी. देश-विदेश के निवेशक अस्थिर परिस्थितियों में सुरक्षित निवेश के रूप में हमेशा सोना खरीदते हैं. इसी कारण सोने की कीमतें बढ़ती या घटती हैं. इस दृष्टि से अगले कुछ दिन महत्वपूर्ण होंगे. वैेिशक वायदा बाजार में सोने का भाव लगभग 0.60 प्रतिशत बढ़कर 2,770 डॉलर और चांदी का भाव 1.53 प्रतिशत बढ़कर 31.32 डॉलर प्रति औंस हो गया. वहीं, भारत में डॉलर का भाव 86.23 रुपये पर पहुंच गया है. इन सबका संयुक्त प्रभाव सोने की कीमतों में वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है.
भविष्य में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना
पिछले महीने से दुनिया भर में एक के बाद एक कई घटनाएं घट रही हैं. चूंकि ये घटनाक्रम वैेिशक स्तर पर महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनका स्वाभाविक प्रभाव सोने की कीमत पर पड़ रहा है. हाल के दिनों में सोने की कीमत में तेजी का रुख रहा है. 2023 से 2024 के बीच सोने ने जो रिटर्न दिया है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि दिसंबर 2025 तक सोने की कीमत 90,000 का आंकड़ा पार कर जाएगी. कुछ लोगों का कहना है कि अगर सोने की कीमत एक लाख रुपये तक पहुंच जाए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. ऐसे अस्थिर माहौल में उपभोक्ता सदैव सोना खरीदना पसंद करते हैं. इसलिए, अगर ग्राहक अभी सोना खरीदते हैं तो भी उन्हें भविष्य में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना है.
- वास्तुपाल रांका, निदेशक, रांका ज्वेलर्स, कर्वे रोड
ग्राहकों में असमंजस की स्थिति सर्राफा व्यवसायियों का कहना है कि जिन ग्राहकों ने पहले सोना खरीदा था, उनके लिए अब इसका मूल्य काफी बढ़ गया है. इसलिए वे ग्राहक खुश हैं. हालांकि, दूसरी ओर, जो ग्राहक सोना खरीदना चाहते हैं, उन्हें अपने बजट को ध्यान में रखते हुए तय राशि में कम सोना खरीदना होगा. इसलिए ‘कहीं खुशी-कहीं गम' दिख रहा है.