भक्ति के साथ-साथ मानवता की सेवा जरूरी : सुदीक्षाजी महाराज

27 Jan 2025 13:51:27
 
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पिंपरी, 25 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

विस्तार केवल बाहर से ही नहीं, अंतर से भी हो. हर कार्य करते हुए इस निरंकार प्रभु परमात्मा का एहसास किया जा सकता है किन्तु पहले इसकी पहचान होना जरुरी है, इसी को जानकर इंसान अपनी अंतर्मन को आध्यात्मिक आधार दे सकता है. ये उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने महाराष्ट्र के 58वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के पहले दिन उपस्थित विशाल मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए. सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में आयोजित इस तीन दिवसीय संत समागम में देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हुए और सतगुरु के दिव्य दर्शन एवं प्रवचनों का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. सतगुरु माता जी ने अपने आशीर्वचन में आगे कहा कि भक्ति का कोई निश्चित समय या स्थान नहीं होता, यह जीवन के हर क्षण में हो सकती है. उदहारण देते हुए कहा, जैसे एक फूल अपनी खुशबू हर समय बिना किसी प्रयास के चारों ओर फैलाता है, वैसे ही भक्ति का वास्तविक अनुभव बिना किसी दिखावे के आत्मसात किया जाता है. भक्ति केवल कोई क्रिया नहीं बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में परमात्मा की उपस्थिति का अहसास है. सतगुरु माता जी ने स्पष्ट किया कि भक्ति के साथ साथ मानवता की सेवा और सामाजिक कर्तव्यों का पालन भी परमात्मा के निराकार रूप से जुड़ा हुआ है जो हर जगह और हर समय मौजूद होता है. उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति केवल बाहरी दिखावे के लिए सत्संग में जाता है तो वह असल भक्ति से दूर है. सच्ची भक्ति तब होती है जब मन, वचन और कर्म से आत्मा परमात्मा के साथ एकरूप हो जाती है जिससे सहज रूप में जीवन में प्रेम और सेवा का भाव उत्पन्न होता है. भक्ति के माध्यम से न केवल एक व्यक्ति का जीवन बदलता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस समागम का मुख्य उद्देश्य आत्मिक उन्नति के लिए परमात्मा की भक्ति को अपने जीवन में प्राथमिकता देने की मानवमात्र को प्रेरणा प्राप्त हो. निरंकारी समागम के दूसरे दिन एक भव्य सेवादल रैली का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में महिला और पुरुष स्वयंसेवक अपनी खाकी वर्दियों में सुसज्जित होकर शामिल हुए्‌‍. सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी का रैली में आगमन होते ही मिशन के सेवादल अधिकारियों ने उनका स्वागत व अभिनन्दन किया.
 
 
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