नैतिकता की लड़ाई गांधीवादी विचारों के साथ लड़ें

31 Jan 2025 10:29:43
 
 
sule
 
 
 
कोथरूड, 30 जनवरी (आ. प्र.)
 
महात्मा गांधी को अगली पीढ़ी को समझना चाहिए, उन्हें उनकी भाषा में नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए. उनके कम से कम एक गुण को स्वयं में समाहित करना चाहिए. प्रार्थना एक ऐसी चीज है जो हमें अपने अंदर समाहित करने की प्रेरणा देती है. आज भी देश को गांधी और विनोबा के विचारों की जरूरत है. देश और प्रदेश में माहौल बहुत खराब हो चुका है. नैतिकता की यह लड़ाई विचारधारा में स्थिरता और दृढ़ता के साथ लड़ी जानी चाहिए, ऐसा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि की ओर से गुरुवार (30 जनवरी) को विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. इस अवसर पर वे बोल रही थीं. सुबह 8:30 बजे सामुदायिक प्रार्थना और भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सांसद सुले और उपस्थित गणमान्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.
 
इस वक्त गांधी स्मारक निधि के ट्रस्टी डॉ. शिवाजीराव कदम, एड. अभय छाजेड़, एम. एस. जाधव, अनवर राजन, डॉ. लक्ष्मीकांत देशमुख उपस्थित थे. महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष डॉ. कुमार सप्तर्षि कार्यक्रम के अध्यक्ष थे. इस अवसर संदीप बर्वे, धनंजय पवार, मोहिनी पवार, बाबालाल बिडीवाले, अभय देशपांडे ने भजन गाए. सभागार में प्रो. रमा सप्तर्षि, डॉ. सुनील जगताप, विकास लवंडे, एड. स्वप्निल तोंडे, दत्ता बालासराफ, एड. राजेश तोंडे समेत कई गणमान्य उपस्थित थे. शाम 5:17 बजे आदरांजलि सभा का आयोजन गांधी भवन, कोथरूड में किया गया. इस सभा के बाद साहित्य सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष और महाराष्ट्र गांधी स्मारक निधि के ट्रस्टी डॉ. लक्ष्मीकांत देशमुख द्वारा ‌‘गांधीजी और सहिष्णुता‌’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया.
 
गांधीवादी विचारों को फैलाने का संकल्प
 
सांसद सुले ने कहा कि, गांधी भवन हर पुणेकर का घर और शरणस्थल बनना चाहिए. मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगी कि रयत शिक्षा संस्थान सहित मुझसे संबंधित स्कूलों में गांधी जी की प्रार्थना आयोजित की जाए. सुप्रिया सुले ने संकल्प लिया कि गांधी भवन में प्रति वर्ष 6 कार्यशालाएं आयोजित करके 1,000 गांधीवादी विचारक कार्यकर्ता तैयार किए जाएं.
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