परांजपे कंस्ट्रक्शन के ‌‘फॉरेस्ट ट्रेल्स‌’ के निवासियों का गुस्सा भड़का

07 Jan 2025 10:44:38
 
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पुणे, 6 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
परांजपे स्कीम कन्स्ट्रक्शन लि. द्वारा भूगांव में डेवलप की गई ‌‘फॉरेस्ट ट्रेल्स‌’ टाउनशिप के कंस्ट्रक्शन और मेंटेंनेस में काफी कमियां हैं. इस बारे में बार- बार शिकायत करने के बाद भी कंपनी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. इससे नागरिकों को गुस्सा भड़क गया. उन्होंने सोमवार को परांजपे स्कीम कंस्ट्रक्शन लि.के प्रभात रोड स्थित ऑफिस के सामने जमकर नारेबाजी करते हुए आंदोलन किया. आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते सुधार नहीं किए गए तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. इस टॉउनशिप में रहने वाले लोग बिजली और पानी की आपूर्ति रोक दिए जाने के कारण गुस्सा गए हैं और सोमवार को उनका गुस्सा फूट पड़ा. उल्लेखनीय है कि भूगांव स्थित फॉरेस्ट ट्रेल्स टाउनशिप में बिजली के बिलों के नाम पर लगातार बिजली आपूर्ति काट दी जा रही है, जिसके कारण पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पाती. पहले भी पानी की आपूर्ति बिना किसी ठोस कारण के रोक दी गई थी.
 
 
बार-बार काटी जाती है बिजली
 
बारिश के मौसम में बिजली की आपूर्ति बार-बार काटी जाती है, कभी-कभी तो कई दिनों तक बिजली चली जाती है. हाल ही में बिजली के बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन का अभाव होने का कारण बताकर पीएससीएल ने बिजली आपूर्ति रोक दी, जिसके कारण मुला नदी से पानी खींचना संभव नहीं हो सका. इसके बावजूद, निवासियों ने नवंबर 2024 तक नियमित रूप से पानी का बिल भरा है. पानी की आपूर्ति केवल निवासियों द्वारा तीव्र आपत्ति उठाए जाने के बाद फिर से शुरू की गई. इस प्रकार की गंभीर और अचानक पानी आपूर्ति रोकने की घटनाओं को फिर से होने से रोकने के लिए 2 जनवरी 2025 को निवासियों ने सैकड़ों हस्ताक्षरों के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
 
 समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो कोर्ट जाएंगे
 
टाउनशिप के निवासी पिछले कुछ समय से इन समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने के लिए पीएमआरडीए (पुणे मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) से संपर्क कर रहे हैं. 9 जनवरी 2025 को पीएमआरडीए आयुक्त की आधिकारिक सुनवाई में इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. निवासियों ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो वे अपने टाउनशिप की लंबित समस्याओं का समाधान करने के लिए अदालत का सहारा लेने के लिए तैयार हैं.
 
 
 वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आईं, 15 करोड़ वसूले
 
पिछले 4 से 10 वर्षों में, परांजपे कंपनी ने 5 हाउसिंग सोसायटियों से 4.5 करोड़ रुपये पानी शुल्क और 7.6 करोड़ रुपये कथित एड-हॉक टीएमसी शुल्क लिया है. अगर स्कूल और अथश्री वृद्धजनों के शुल्क को ध्यान में रखा जाए, तो यह आंकड़ा 15 करोड़ रुपये से अधिक हो जाता है. कई बार शुल्क भुगतान करने के बावजूद रसीद नहीं दी जाती, ऐसा आरोप आंदोलनकारियों ने लगाया.
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