राष्ट्रवादी कांग्रेस का भाजपा से कोई रिश्ता नहीं

01 Feb 2025 14:46:41
bdb
नऱ्हे, 31 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

2014 में शरद पवार ने भाजपा को बाहर से समर्थन देने के बावजूद कई वर्षों तक भाजपा को समर्थन देने के मामले में स्पष्ट भूमिका नहीं ली. अंततः मैंने अजित पवार के साथ रहने का निर्णय लिया. हम, राष्ट्रवादी पार्टी के रूप में, वर्तमान में राजनीतिक रूप से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं. वरिष्ठ राकांपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा भाजपा से कोई रिश्ता नहीं है. वह 8वीं युवा संसद के अंतर्गत एक विशेष साक्षात्कार में बोल रहे थे. जाधवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा नऱ्हे स्थित संस्थान के सभागार में साक्षात्कार आयोजित किया गया. पत्रकार संजय आवटे ने छगन भुजबल का साक्षात्कार लिया. इस समय संस्थान के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुधाकर जाधवर, उपाध्यक्ष एड. शार्दुल जाधवर उपस्थित थे. वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों के कारण ही मैं एक आम सब्जी विक्रेता से राज्य का उपमुख्यमंत्री बन पाया. फिर, मंडल आयोग का समर्थन करने के उनके रुख को लेकर उनके साथ वैचारिक मतभेद के कारण, मैंने शिवसेना छोड़ दी. अगर मैंने शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो मैं उसी समय मुख्यमंत्री बन गया होता. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अगर मैंने कांग्रेस में ही काम किया होता और शरद पवार के साथ जाकर राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बनाई होती, तो मुझे तब भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता. लेकिन ओबीसी की लड़ाई के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के दो अवसर छोड़ दिए. भुजबल ने कहा कि मेरे लिए पद महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि ओबीसी के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, उसके लिए मैं पद न रहने पर भी लड़ता रहूंगा. मैंने मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन में ओबीसी के पक्ष में रुख अपनाया. इसलिए मराठा समाज के मन में मेरे प्रति जिस भावना से निश्चित रूप से मेरे लिए क्षति हुई. मेरे वोटों की संख्या कम हो गई. लेकिन, मैं ओबीसी के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखूंगा. कई लोग सोचते हैं कि जरांगे आंदोलन में मेरा इस्तेमाल किया गया, लेकिन छगन भुजबल का कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता. मैं किसी को भी अपना इस्तेमाल नहीं करने देता. इसलिए मैं गवर्नर नहीं बनूंगा क्या आप राज्यपाल बनेंगे..? इस सवाल पर बोलते हुए भुजबल ने कहा, राज्यपाल का पद बहुत प्रतिष्ठित है. मैं उस स्थिति का सम्मान करता हूं. लेकिन, मेरा स्वभाव अन्याय के खिलाफ बोलना और लड़ना है. एक राज्यपाल के रूप में मैं आम आदमी की बात नहीं कर सकता. मुझे राज्यपाल बनाना एक तरह से छगन भुजबल के मुंह पर ताला लगाना है.
Powered By Sangraha 9.0