शिवाजीनगर, 10 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मैं पुणे वेिशविद्यालय को अपनी दूसरी मां मानता हूं. यहां अध्ययन करते हुए मैं खुद का दूसरा जन्म मानता हूं. यह जन्म बौद्धिक, आध्यात्मिक है और इसने मुझे सामान्य रूप से जीवन सिखाया है. सिम्बायोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष तथा सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. एस.बी. मुजुमदार ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, वह पुणे वेिशविद्यालय की वजह से हूं. वह सोमवार (10 फरवरी) सावित्रीबाई फुले पुणे वेिशविद्यालय (एसपीपीयू) के 76वें वार्षिकोत्सव समारोह में बोल रहे थे. यह समारोह सोमवार (10 फरवरी) को वेिशविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया.
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को उनके पूरे जीवनकाल में किए गए कार्यों को गौरवान्वित करने के उद्देश्य से लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किए गए. सिम्बायोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष तथा सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. एस. बी. मजूमदार को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए पुणे वेिशविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में चंद्रकांत पाटिल को आमंत्रित किया गया था, वे ऑनलाइन उपस्थित थे. पुरस्कार वितरण समारोह विद्यावाचस्पति डॉ. शंकर अभ्यंकर के हाथों संपन्न हुआ.
शिक्षा में एक अनूठी शक्ति
डॉ. एस. बी. मजूमदार ने कहा कि शिक्षा में एक अनूठी शक्ति है जो एक व्यक्ति का विकास करती है, एक व्यक्ति का विकास उसके परिवार का भविष्य उज्ज्वल करता है, परिवारों का विकास उस राज्य का विकास है और राज्य का विकास देश का विकास है. उन्होंने यह भी वेिशास व्यक्त किया कि शिक्षा का हमेशा एक अनूठा महत्व रहेगा. पुणे वेिशविद्यालय ने ही मुझे सिम्बायोसिस की स्थापना करने की अवधारणा दी.