लक्ष्मी रोड, 11 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
दुनिया भर में संभावित टैरिफ युद्ध के बीच सोने की कीमतों में मानो सचमुच आग लगी हुई है. महज 42 दिनों में सोने की कीमत में लगभग 9,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की भारी बढ़ोतरी हुई है. यह वृद्धि बेहद कम समय में लगभग 12 प्रतिशत है. मंगलवार (11 फरवरी) को पुणे बाजार में सोने की कीमतें 85,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं. उस के साथ लगने वाले 3 प्रतिशत जीएसटी को जोड़ें तो उपभोक्ताओं को 10 ग्राम सोना खरीदने के लिए 88,000 रुपये का भारी-भरकम भुगतान करना होगा. अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कई साहसिक निर्णय लिए हैं. इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि उन्होंने टैरिफ बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसे एक तरह का युद्ध माना जा रहा है.
इस तरह के व्यापार युद्धों से अस्थिरता बढ़ने लगी है. विश्लेषक बताते हैं कि जब माहौल अस्थिर होता है तो निवेशक सुरक्षा की तलाश करते हैं. सोना हमेशा पसंद किया जाता है. स्वाभाविक रूप से, संभावित व्यापार युद्ध की आशंकाओं के कारण वर्तमान में दुनिया भर में सोने की मांग बढ़ रही है, इसलिए सोने की कीमतें बढ़ रही हैं. भारत में सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि वैेिशक-आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनाव से प्रभावित होती है. खासकर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद जैसे कारकों ने निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित संपत्ति में बदल दिया है. हाल ही के एक निर्णय के साथ अमेरिकी सरकार ने स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाया है.
इससे मार्केट को अस्थिरता की ओर ढकेला है. इन प्रमुख कारणों से केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक सोने की खरीद से सोने की दरों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है. एक ओर भू-राजनैतिक तनाव और दूसरी ओर शेयर मार्केट में अस्थिरता बनी रहने के साथ, सोना कई लोगों के लिए एक पसंदीदा निवेश विकल्प है. कई विद्वानों का कहना है कि यह मूल्य वृद्धि अस्थायी है. कुछ दिनों में सोने की कीमतें गिर जाएंगी. हालांकि, कोई दावे के साथ नहीं बता सकता कि यह तेजी कब तक जारी रहेगी या कीमतें कब घटेंगी. सोने की कीमतों में इस तीव्र वृद्धि ने हर जगह भ्रम पैदा कर दिया है. वर्तमान में बहुत से लोग मानते हैं कि उपभोक्ताओं को ‘वेट एंड वॉच' की नीति अपनानी चाहिए. कुछ लोग सलाह दे रहे हैं कि अपने अतिरिक्त सोने को मौजूदा कीमत पर बेच दें. क्योंकि सोने की कीमत गिरने के बाद सोना वापस खरीदा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि इतने ऊंचे स्तर पर सोना बेचने से अच्छा मुनाफा होगा.
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दरों में लगभग 12 प्रतिशत की तेजी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा स्टील और एल्युमीनियम आयात पर नए टैरिफ लगाए जाने से वैेिशक व्यापार युद्ध की चिंता बढ़ गई है. शायद यही वजह है कि सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग में तेजी आई है. बताया जाता है कि सोना अपनी तेजी की ऊंचाई से नीचे आने से पहले शायद 2,950 डॉलर से 2,962 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है. पिछले 1 जनवरी से अभी तक सोने के भावों में लगभग 12 प्रतिशत की तेजी आयी है. 1 जनवरी को 24 कैरेट सोने के भाव प्रति 10 ग्राम लगभग 76 हजार रुपये के आसपास थे. जो मंगलवार, 11 फरवरी को पुणे मार्केट में प्रति 10 ग्राम 85 हजार रुपये से ज्यादा है. - वास्तुपाल रांका (निदेशक, रांका ज्वेलर्स, कर्वे रोड)
वर्तमान तेजी टैरिफ युद्ध का ही परिणाम सोने में वर्तमान तेजी टैरिफ युद्ध का ही परिणाम है. कठिन समय में सोने को हमेशा ‘सेफ हेवन' के रूप में पसंद किया जाता है. इसलिए, दुनियाभर में सोने की मांग में अचानक वृद्धि के कारण इसकी कीमतों में वृद्धि हुई है. अगर बाजार को देखें तो अल्पावधि में सोने की कीमत में अस्थिरता है. लेकिन, अगर कुछ ग्राहक अभी इस कीमत पर भी सोना खरीदते हैं, तो मुझे लगता है कि लंबी अवधि में उन्हें निश्चित रूप से बड़ा लाभ होगा. हमेशा ऐसा देखा गया है कि ऐसे संघर्ष में ही सोना निखरता है. - संगीता ललवाणी (निदेशक, गोल्ड मार्ट)