कोंढवा, 22 फरवरी (आ. प्र.)
हम समाज के लिए, परिवार के लिए संवेदनशील बनें. सब की हेल्प करें. जरूरी नहीं कि हेल्प पैसे से करें, बल्कि शब्दों से, भावनाओं से हेल्प करें. कोई बीमार हो तो उसको हॉस्पिटल लेकर जाएं, कोई गरीब हो तो उसे हमदर्दी से देखें, आज हमारे भारत में संस्कार जीवित हैं. जैसे 50 करोड लोग महाकुंभ में गए और 50 करोड़ लोग जाना चाहते हैं पर किसी कारणवश नहीं जा सकते, पर संस्कार हर एक के जीवन में है, ऐसा प्रतिपादन ‘आज का आनंद’ के संपादक आनंद अग्रवाल ने किया. गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी श्री शिवमाला जी ठाना 4 के सानिध्य और अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल पुणे द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शहर की प्रख्यात कवयित्री तथा निसर्ग मामलों की जानकार प्रिया फुलंब्रीकर को ‘प्रेरणा सम्मान’ आनंद अग्रवाल के हाथों दिया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे. गरिमा लालनी ने प्रेरणा सम्मानपत्र का वाचन किया. प्रोग्राम की शुरुआत साध्वी श्री शिवमाला जी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र से हुआ. तेरापंथ महिला मंडल ने मंगलाचरण किया और परामर्शक प्रमिला बरेडिया ने सबका स्वागत कर के मंडल की गतिविधियों की जानकारी दी. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई. विषय था ‘आधुनिक जीवन शैली और पारिवारिक संस्कार सह अस्तित्व या संघर्ष’, जिसमें पुष्पा कटारिया, शोभा सुराणा, आरती सेठिया, गरिमा लालनी, सपना चोरड़िया ने भाग लिया. इस वक्त सफल संचालन सिंपल भंडारी ने किया. वोट ऑफ थैंक्स, तेरापंथ महिला मंडल पुणे की मंत्री पायल धरेवा ने दिया.