36वां अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता सम्मेलन उत्साहपूर्वक संपन्न

25 Feb 2025 15:44:06
 
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दिल्ली, 24 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
संत दर्शन सिंह जी धाम, बुराड़ी, दिल्ली में आयोजित 36वें अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता सम्मेलन में वेिशभर से आए धर्म गुरुओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख परम पूजनीय संत राजिन्दर सिंह जी महाराज के सान्निध्य में यह सम्मेलन 22-23 फरवरी को संपन्न हुआ, जिसमें प्रभु-प्रेम और मानव एकता पर विचार साझा किए गए. यह सम्मेलन वेिश धर्म संघ और मानव एकता सम्मेलन के संस्थापक अध्यक्ष परम संत कृपाल सिंह जी महाराज के 131वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिन्होंने 1974 में पहला मानव एकता सम्मेलन आयोजित किया था. इस वर्ष सम्मेलन के साथ संत दर्शन सिंह जी धाम के 25 वर्ष भी पूरे होने का उत्सव मनाया गया, जो कि दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह जी महाराज के सम्मान में स्थापित रूहानियत से भरपूर एक आध्यात्मिक स्थल है. इस सम्मेलन के दौरान 22 फरवरी को ‌‘ध्यान-शोशत शांति और एकता का मार्ग' और 23 फरवरी को ‌‘कृपाल - दिव्य प्रेम और ज्ञान महासागर' विषयों पर दो आध्यात्मिक सेमिनारों का आयोजन किया गया था. सम्मेलन में महामंडलेेशर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, निजामुद्दीन औलिया दरगाह से सैयद फरीद अहमद निजामी, ऋषिकेश से महंत रवि प्रपन्नाचार्य जी महाराज, श्री भैणी साहिब से संत निशान सिंह जी, फादर बेंटो रोड्रिग्स, आचार्य येशी फंटसोक, केन्द्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, आचार्य स्वामी देवेन्द्रानंद गिरि महाराज, श्री श्री भगवान आचार्य जी महाराज, रब्बी एजेकिल इसाक मालेकर, विवेक मुनि जी, फादर एम.डी. थॉमस और गोस्वामी सुशील जी महाराज जी सहित कई धार्मिक नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने शांति और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार रखे. ‌‘एक बनो, नेक बनो, एक रहो' - संत राजिन्दर सिंह जी महाराज संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि हम सभी प्रभु के दिव्य प्रेम के रेशमी धागे से जुड़े हैं. ध्यान-अभ्यास से हम आत्मिक जागरूकता प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने प्रेम, एकता और ज्ञान के सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने के महत्व पर बल दिया. उनका वेिश-व्यापी संदेश ‌‘एक बनो, नेक बनो, एक रहो' जीवन के सच्चे सार को दर्शाता है. इस अवसर पर 40वें निःशुल्क नेत्र जांच एवं मोतियाबिंद सर्जरी शिविर, वस्त्र वितरण और जरूरतमंदों में खाद्य सामग्री और दवाइयों का वितरण किया गया. सम्मेलन ने वेिश-शांति, मानव एकता और आध्यात्मिकता के संदेश को सशक्त बनाया.
 
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