फर्जी बिल्डर्स के खिलाफ एमपीआईडी के तहत कार्रवाई होगी

25 Feb 2025 12:20:27
 
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पुणे, 24 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
पैसे लेकर भी समय पर फ्लैट का कब्जा न देने, फर्जी कागजात तैयार करने और जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले बिल्डर्स के खिलाफ एमपीआईडी के तहत कार्रवाई की जाएगी, यह जानकारी पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने दी. पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि अगर फर्जी कागजात तैयार करके जमीन पर अवैध कब्जा करने की शिकायत आती है, तो पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त को मौके पर जाकर जांच करने के आदेश दिए गए ह्‌ैं‍. भूमि के मालिकाना हक का मुद्दा दीवानी दावा होता है, जिसे पुलिस नहीं निपटाएगी, बल्कि वह सिर्फ यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि उस स्थिति को बनाए रखा जाए. अगर महारेरा की समय-सीमा के अनुसार फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया, तो फ्लैट खरीदने के लिए ग्राहक द्वारा दी गई रकम को निवेश के रूप में माना जाएगा और संबंधित बिल्डर के खिलाफ एमपीआईडी के तहत कार्रवाई की जाएगी. हाल ही में इस संदर्भ में क्रेडाई के साथ बैठक की गई थी, जिसमें यह देखा जाएगा कि इससे कैसे निपटा जा सकता है, यह पुलिस कमिश्नर ने बताया. जनता का दबाव, पुलिस पर कोई राजनैतिक दबाव नहीं पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस को किसी राजनैतिक या आपराधिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ता, बल्कि जो दबाव है, वह जनता का है. जनता की यह उम्मीद है कि शहर का माहौल अच्छा रहे, और पुलिस पर इस वेिशास को बनाए रखने का दबाव है.
 
* पुलिस स्टेशन में कोई आका, काका नहीं
 
पूर्व मंत्री तानाजी सावंत के बेटे के अपहरण मामले पर पूछे गए सवाल पर पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि अपहरण और लापता लोगों के मामलों को संवेदनशीलता से देखा जाता है. सावंत के मामले में जब पुलिस को अपहरण की शिकायत मिली, तो पुलिस तुरंत सतर्क हो गई थी. हालांकि बाद में यह पाया गया कि यह अपहरण का मामला नहीं था. अगर वह व्यक्ति भारत की सीमा से बाहर चला जाता, तो उसे वापस लाना कठिन हो जाता.पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि लापता लड़कियों के मामलों में हम अक्सर खुद सड़कों पर उतरकर खोज करते हैं. पुलिस को कोई भी राजनैतिक दबाव या अपराधियों का दबाव नहीं हो सकता. पुलिस स्टेशन में कोई ‌‘आका‌’ या ‌‘काका‌’ नहीं है. यदि किसी ने अपराध किया है, तो उसे कोई नहीं बचा सकता.
 
300 क्रिमिनल्स के हथियार लाइसेंस रद्द, 400 को शो-कॉज नोटिस
 
पिछले एक साल में खिलाड़ियों को छोड़कर किसी को भी नया शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया गया है. जिन लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड है और जिन्होंने लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया, उनके 300 शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए गए ह्‌ैं‍. इसके अलावा 400 लोगों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं.
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