मुंबई, 4 फरवरी (वि.प्र.) भारतीय जैन संगठन (BJS) का महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ दशक में जल संबंधी कार्य सर्वश्रेष्ठ है. उसकी उच्च गुणवत्ता वाली सार्वजनिक जागरूकता और क्षमता निर्माण में उत्कृष्ट है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय जैन संगठन के सहयोग से ‘तलछट मुक्त बांध और तलछट युक्त शिवार' योजना सफल होगी. ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया. मृदा एवं जल संरक्षण विभाग, महाराष्ट्र सरकार और भारतीय जैन संघ, मंत्रालय, मुंबई के बीच सोमवार (3 फरवरी) को मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ‘तलछट मुक्त बांध और तलछट समृद्ध शिवार' योजना के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए. इस अवसर पर मृदा एवं जल संरक्षण राज्य मंत्री इंद्रनील नाइक, भारतीय जैन संगठन के संस्थापक शांतिलाल मुथा, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे, प्रमुख सचिव अेिशनी भिड़े, मृदा एवं जल संरक्षण विभाग के सचिव गणेश पाटिल, OSD प्रिया खान, BJS के राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदकिशोर साखला, प्रबंध निदेशक कोमल जैन, प्रदेश अध्यक्ष केतन शाह, प्रदेश सचिव प्रवीण पारख, परियोजना निदेशक दीपक साहा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. जागरूकता हेतु सामुदायिक भागीदारी का काम महाराष्ट्र सरकार की ‘कीचड़ मुक्त बांध और कीचड़ मुक्त शिवार' योजना को पूरे महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए हर गांव में जागरूकता बढ़ाने, प्रचार-प्रसार, सामुदायिक भागीदारी और क्षमता निर्माण का काम किया जाएगा. योजना को लेकर सभी ग्रामों में जागरूकता पैदा की जाएगी. BJS के मोबाइल एप के माध्यम से पंचायतों तक पहुंच बनाई जाएगी. मांगें प्रस्तुत कर सरकार को भेजी जाएंगी. इस समझौते में शामिल हैं.
राज्य को जल-समृद्ध बनाने BJS का योगदान मुख्यमंत्री फडणवीस ने जल क्षेत्र में BJS द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार BJS का उपयोग महाराष्ट्र को जल-समृद्ध बनाने के लिए करेगी. शांतिलाल मुथा ने आश्वासन दिया कि BJS पूरे महाराष्ट्र में एक जन आंदोलन शुरू कर राज्य सरकार की ‘तलछट मुक्त बांध और गाद से भरे शिवार' योजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.