पिंपरी, 5 फरवरी (आ.प्र.)
पिंपरी-चिंचवड़ शहर में पिछले साल मानसून के कारण चिखली, रूपीनगर, नवी सांगवी, जुनी सांगवी, पिंपरी के भाटनगर, दापोड़ी आदि इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे, इसलिए इस साल मनपा प्रशासन ने नालों की सफाई का काम जल्द शुरू करने की योजना बनाई है. नाले की सफाई पिछले साल 22 मार्च को शुरू हुई थी. मनपा आयुक्त व प्रशासक शेखर सिंह ने सभी 8 क्षेत्रीय अधिकारियों को इस वर्ष 20 फरवरी से नाला सफाई का काम शुरू करने का आदेश दिया है. शहर में 2 से 11 मीटर चौड़ी और 100 किलोमीटर तक फैली 144 प्राकृतिक नालियां हैं. यह नाले शहर की पवना, मूला और इंद्रायणी नदियों से मिलते हैं. चूंकि सभी नालियां खुली हैं, इसलिए कचरा, प्लास्टिक, मलबा और अपशिष्ट पदार्थ इन नालियों में डाल दिए जाते हैं. कई नागरिक घरेलू कचरा इन नालियों में फेंक देते हैं. इन नालियों में गाद जमा होने के कारण नालियां संकरी एवं उथली हो जाती हैं. परिणामस्वरूप, बरसात के मौसम में उनकी जल-संवहन क्षमता कम हो जाती है. वर्षा का पानी निकासी न होने के कारण जमा होकर क्षेत्र के घरों और दुकानों में घुस जाता है. मानसून के मौसम में शहर में बाढ़ को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर साल सभी नालियों, वर्षा जल ले जाने वाले चैनलों, कक्षों और सीवरों की सफाई करता है. पिछले वर्ष मानसून के दौरान बाढ़ का पानी चिखली, रूपीनगर, न्यू सांगवी, ओल्ड सांगवी, पिंपरी के भाटनगर और दापोड़ी जैसे इलाकों में घुस गया था. मनपा के लिए सैकड़ों नागरिकों को स्थानांतरित करने का समय आ गया था, इसलिए मनपा ने इस वर्ष मानसून के मौसम में बाढ़ को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. प्री-मानसून वर्षा जून के प्रथम सप्ताह में शुरू होती है. अगर बारिश शुरू हो जाए, तो काम नहीं हो पाएगा. इसलिए यह काम गर्मियों में पूरा किया जाना जरूरी है. इसके लिए मनपा के स्वास्थ्य विभाग, निर्माण विभाग और क्षेत्रीय कार्यालयों को इसकी जानकारी दे दी गई है.